नई दिल्ली। हल्की बारिश और अनुकूल गति से हवा के चलने से दिल्ली और उसके उपनगरों में सोमवार को प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वायु गुणवत्ता में अभी और सुधार आ सकता है। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह 9 बजे 300 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। रविवार को एक्यूआई 467 था।
वायु गुणवत्ता सूचकांक दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद में 256, गाजियाबाद में 292, नोएडा में 312, ग्रेटर नोएडा में 302 और गुड़गांव में 314 दर्ज किया गया। दिल्ली में दीपावली पर वायु गुणवत्ता का स्तर पिछले 4 वर्षों के मुकाबले सबसे खराब दर्ज किया गया। 2016 के बाद पहली बार दिवाली के एक दिन बाद सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई।
दिल्ली में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 414 दर्ज किया गया, जो रात दस बजे 454 तक पहुंच गया था, वहीं रविवार को 24 घंटे का औसतन एक्यूआई शाम चार बजे 435 दर्ज किया गया जो पिछले चार साल में दिवाली के एक दिन बाद दर्ज किया गया सबसे खराब सूचकांक था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि सभी प्रदूषक 2019 की तुलना में इस साल दिवाली के दिन अधिक थे। सीपीसीबी ने बताया कि शनिवार रात दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर पटाखे जलाना इसका मुख्य कारण हो सकता हैं।
बारिश और तेज हवा चलने से दिल्ली को थोड़ी राहत मिली। 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने से प्रदूषक तत्वों को बिखरने में सोमवार को भी मदद मिल सकती है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली सफर ने भी पर्याप्त बारिश के कारण प्रदूषण के खराब श्रेणी में आने का अनुमान लगाया। उसने कहा कि वायु गुणवत्ता के मंगलवार और बुधवार को बेहद खराब श्रेणी में रहने का अनुमान है। (भाषा)