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रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रेलवे स्टेशन पर रविवार को दोपहिया वाहनों की पार्किंग में लगी आग ने भयावह रूप धारण कर लिया। देखते ही देखते लगभग 500 मोटरसाइकलें, स्कूटर एवं साइकलें जलकर खाक हो गईं।
पार्किंग में धुआं उठते ही पार्किंग कर्मचारियों को इसकी जानकारी लग गई थी लेकिन जब तक वे कोई कदम उठाते, तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। पेट्रोल के वाहन होने के कारण उनमें विस्फोट शुरू हो गया। मौके पर पहुंचे दो फायर बिग्रेड वाहनों ने लगभग ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
घटना के समय पार्किंग में 1,000 से अधिक वाहन खड़े थे। पुलिस एवं फायर ब्रिगेडकर्मियों ने आग की पहुंच से दूर खड़े वाहनों को हटा दिया, नहीं तो नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था।
पार्किंग के पीछे की ओर स्थित मकानों की टंकियों से भी पानी फेंककर लोगो ने आग को फैलने से बचाया। घटना का सूचना मिलते ही रेलवे तथा प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
मौके पर मौजूद भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया। इस घटना से रेल यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन स्टेशन पर आपात स्थिति में आग लगने पर उस पर नियंत्रण का कोई बंदोबस्त नहीं होने का खुलासा जरूर हो गया।
कैसे लगी आग : बताया जा रहा है कि यह आग भीषण गर्मी की वजह से लगी। गाड़ियों में पेट्रोल भरे होने से आग पर काबू पाने में परेशानी हो रही है। आग इतनी विकराल थी कि उसकी चपेट में आने वाले अधिकांश वाहन पूरी तरह से जल गए।
आम लोग परेशान : आग के बाद गाड़ी मालिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। गाड़ियों में आग लगने के साथ ही उसमें रखी आरसीबुक और बीमा पेपर भी जलकर राख हो गए। पार्किंग नियमों के तहत पार्किंग में रखी गाड़ियों की जिम्मेदारी रेलवे और ठेकेदार की होती है। फिलहाल यह साफ हुआ है कि इन लोगों को बीमा और मुआवजा कैसे मिलेगा।
डीआरएम का विवादित बयान: हादसे के बाद रेलवे डीआरएम भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने एक विवादित बयान देते हुए कहा कि रेलवे की कोई ज़िम्मेदारी नही है। उन्होंने कहा कि रेलवे हादसे की जांच करवाएगा।
रेलवे प्रशासन की बड़ी लापरवाही उजागर: बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा पार्किंग का यह ठेका सालों से एक ही व्यक्ति को दिया जा रहा है।