जयपुर। सरकारी हिंगोनिया गौशाला में सैकड़ों गायों की मौत पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान की मांग को लेकर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में अभूतपूर्व हंगामा हुआ। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने विपक्षी सदस्यों को उठाकर सदन से निकाला और इस दौरान नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, अन्य प्रतिपक्षी सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई।
पूरे हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूद नहीं थी। हंगामे और हाथापाई के बीच अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन की बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी। हंगामे के कारण प्रश्नकाल ठीक से नहीं चल सका।
हंगामा उस समय शुरू हुआ जब गले में तख्तियां लगाए प्रतिपक्षी कांग्रेस, राजपा, बसपा और निर्दलीय सदस्यों ने सरकारी हिंगोनिया गौशाला में सैंकड़ों गायों की मौत पर मुख्यमंत्री के बयान की मांग करते हुए वैल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
सरकारी मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर, उप सचेतक मदन सिंह राठौड और संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड ने अध्यक्ष से प्रश्नकाल आरंभ करने की मांग करते हुए कहा कि विपक्ष सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए बेवजह हंगामा कर रहा है। पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान भी गायों की मौतें हुई थी। सरकार नियमों के तहत जवाब देने को तैयार है।
करीब दस मिनट के हंगामे के बाद अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने उनके आसन के ठीक सामने आकर हंगामा कर रहे प्रतिपक्ष के दो सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया। इस पर प्रतिपक्ष सदस्यों की मार्शल और सुरक्षा कर्मियों से हाथापाई हो गई। कुछ देर के प्रयास के बावजूद प्रतिपक्ष सदस्यों को बाहर नहीं निकालने पर अध्यक्ष ने कहा सब को बाहर निकालो, सदन में गुंडागर्दी नहीं होने दूंगा। (भाषा)