भुवनेश्वर। जनजातीय कल्याण स्कूल ओडिशा के हेड मास्टर और हॉस्टल सुपरिटेनडेंट को पुलिस ने कार्यों में लापरवाही बरतने के आरोप में तब गिरफ्तार किया, जब कक्षा छह की एक लड़की ने चार फरवरी को हॉस्टल में एक बच्चे को जन्म दिया। इस बात की जानकारी पुलिस ने आज दी। पुलिस अधिकारी राजेंद्र सेनापति ने बताया कि रविवार को गिरफ्तारी हुई।
इसके अलावा एक और सरकारी स्कूल में इसी तरह की घटना का समाचार है। ओडिशा के दो सरकारी हॉस्टल में रह रहीं दो स्कूली बच्चियों ने सिर्फ 14 दिन के गैप में बच्चों को जन्म दिया है। इसमें से एक बच्ची छठी क्लास की स्टूडेंट है और उसकी उम्र सिर्फ 12 साल है और दूसरी 10वीं क्लास की स्टूडेंट है। इन हॉस्टल्स में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के करीब 300 बच्चे रहते हैं, जिसमें से 150 यानि आधी लड़कियां हैं।
ओडिशा के कोरापुट डिस्ट्रिक्ट के उमुरी आश्रम स्कूल में छठी क्लास में पढ़ने वाली एक स्टूटडेंट ने इस 4 फरवरी को एक बेटे को जन्म दिया। इससे ठीक 12 दिन पहले 24 जनवरी को कंधमाल के सरकारी स्कूल में पढ़ रही 10वीं की एक स्टूडेंट ने एक लड़के को जन्म दिया था।
यह स्कूल हॉस्टल स्टेट गवरन्मेंट की ओर से अनुसूची जाति और अनुसूची जनजाति के छात्रों के लिए चलाए जाते हैं। सबसे शर्मिंदगी बात ये है कि इस पूरे मामले को स्कूल अथॉरिटीज और मैनेजमेंट की तरफ से दबाने की कोशिश की गई। इसी के चलते इन बच्चियों को बेसिक मेडिकल फेसेलिटीज भी उपलब्ध नहीं कराई गई।
रविवार को मामला सामने आने पर पुलिस ने उमुरी आश्रम स्कूल के हेडमास्टर कैलाश चंद्र ब्रह्मा और हॉस्टल के सुपरिंटेंडेंट सबिता गारू को गिरफ्तार कर लिया। जल्दी ही इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोरापुट के डीएम के अकॉर्डिंग सेटेरडे ईवनिंग को उन्हें इस बारे में जानकारी मिली। इसके बाद फौरन ही एक्शन लिया गया।
डीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए। स्कूल हेड मास्टर से बात करने पर पता चला है कि उन्हें इस बारे में सिक्स्थ स्टैडर्ड में पढ़ने वाली बच्ची की रिटन कंप्लेन के बाद जानकारी मिली। (एजेंसी)