बाराबंकी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रहे हैं वहीं उप्र पुलिस उनके निर्देशों पर पलीता लगा रही है।
बीती 12 अप्रैल को बाराबंकी कोतवाली क्षेत्र के सफेदाबाद में एक महिला पत्रकार के साथ 3 लोगों द्वारा जबरन गैंगरेप किए जाने के मामले में कोतवाली पुलिस ने एक नामजद आरोपी रामसागर गुप्ता को पुलिस हिरासत में ले लिया था किंतु अचानक आरोपी को कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार रात पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया।
इस हैरतअंगेज कारनामे को अंजाम देने वाले कोतवाल राजकुमार पांडेय से जब इस संवाददाता ने महिला पत्रकार से गैंगरेप व लूट जैसे जघन्य मामले में नामजद आरोपी को हिरासत में लेकर उसे रिहा करने की वजह पूछी तो उन्होंने कहा कि रामसागर गुप्ता को पूछताछ के लिए कोतवाली लाया गया था, आरोपी 70 वर्ष का था। इतना कहकर वे चुप हो गए। वे इस जघन्य व गैरजमानती अपराध के आरोपी को रिहा करने का कोई ठोस आधार नहीं बता सके। महिला पत्रकार के साथ हुए सामूहिक बलात्कार की घटना की सच्चाई कोतवाल से जानने पर उन्होंने सिर्फ यही कहा कि इस मामले की विवेचना जारी है।
जानकारों ने बताया था कि रामसागर गुप्ता को पुलिस ने गुरुवार की रात ही पकड़ लिया था। पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी कि अचानक उसे शुक्रवार को चालान कर जेल भेजने की बजाय पुलिस ने उसे हिरासत से रिहा कर दिया जबकि अन्य आरोपी सुनील गुप्ता फरार है व एक अन्य अज्ञात आरोपी पुलिस पकड़ से दूर है। पुलिस ने शुक्रवार को महिला पत्रकार व उसके पत्रकार पति को दुष्कर्म वाले घटनास्थल सफेदाबाद पर ले जाकर पड़ताल भी की।
पीड़िता लगभग 24 वर्ष की विवाहिता, एक बेटी की मां और महिला पत्रकार (सहसंपादक) है। उसके साथ 3 लोगों ने मिलकर मुंह काला किया। पीड़िता स्थानीय वैशाली एक्सप्रेस चैनल व इंसाफ ए जजमेंट अखबार में पत्रकार है, फिर भी उसे प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए पुलिस कोतवाली के चक्कर लगाने पड़े थे किंतु उसे न्याय न मिला। महिला पत्रकार का पति भी एक समाचार चैनल, साप्ताहिक अखबार तथा पत्रिका का संपादक हैं।
किंतु जब इस पत्रकार दंपति की पुलिस ने नहीं सुनी तो जिले के एक्टिविस्ट रणधीर सिंह सुमन ने मामला सोशल साइट पर उजागर किया तो तहसील दिवस पर एसपी बाराबंकी ने आखिरकार प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेकर बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए जिस पर कोतवाली बाराबंकी के कोतवाल ने इस प्रकरण में कोतवाली में 17 अप्रैल को महिला से दुष्कर्म का मामला एफआईआर नं. 243 के अंतर्गत आईपीसी की धारा 376 डी (गैंगरेप) व 392 (लूट) के तहत रात मामला दर्ज कर लिया था और पुलिस ने अगले दिन पीड़िता की मेडिकल जांच जिला महिला अस्पताल में कराई थी।
सफेदाबाद मजरे खसपरिया थाने कोतवाली नगर बाराबंकी की निवासिनी पीड़ित महिला पत्रकार का आरोप है कि वह 12 अप्रैल को निजी कार्य से बाराबंकी आई थी तथा लौटते समय सफेदाबाद में शाम हो गई और वो सफेदाबाद से अपने गांव जा रही थी। लगभग 8 बजे रात केवाड़ी गांव के देवी मंदिर के पीछे जंगल है, वहीं पर सुनील गुप्ता निवासी सफेदाबाद मजरे खसपरिया, रामसागर गुप्ता निवासी सफेदाबाद मजरे खसपरिया व एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रार्थिनी को अकेली समझकर पकड़ लिया।
सुनील गुप्ता ने कट्टा दिखाया और कहा कि शोर करोगी तो जान से मार देंगे। प्रार्थिनी डर गई तब सुनील गुप्ता, रामसागर गुप्ता व एक अज्ञात व्यक्ति ने प्रार्थिनी को पकड़कर जंगल में गिरा दिया और इस दौरान सुनील गुप्ता की पत्नी शिमलादेवी प्रार्थिनी को पकड़े रही। सुनील गुप्ता, रामसागर गुप्ता व एक अन्य व्यक्ति ने बारी-बारी से प्रार्थिनी के साथ बलात्कार किया। प्रार्थिनी गिड़गिड़ाती रही, परंतु तीनों दरिंदों को दया नहीं आई और उसके गले में पहने जेवर सोने की चेन तथा रु. 1350 लूटकर भाग गए।