इडुक्की (केरल)। केरल की एक अदालत ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को 2016 में अपनी ही बेटी से बलात्कार और उसे गर्भवती करने का दोषी ठहराते हुए कुल 31 साल की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि एक पिता का अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार और उसे गर्भवती करना एक बेहद जघन्य कृत्य था और आरोपी किसी दया का पात्र नहीं है।
त्वरित अदालत के न्यायाधीश टीजी वर्गीज ने गर्भपात किए गए भ्रूण से डीएनए मिलान से मिले साक्ष्य के आधार पर इस व्यक्ति को दोषी ठहराया क्योंकि पीड़िता और उसकी मां समेत अन्य गवाहों ने प्रभावित होकर आरोपी के पक्ष में गवाही दी थी।
विशेष लोक अभियोजक शिजो मोन जोसेफ ने कहा कि भ्रूण से लिए गए नमूने का अभियुक्त के रक्त के नमूने से मिलान होने से सच्चाई सामने आई। जोसेफ ने बताया कि अदालत ने कहा कि एक पिता का अपनी ही बेटी के साथ बलात्कार और उसे गर्भवती करना एक बेहद जघन्य कृत्य था और आरोपी किसी दया का पात्र नहीं है।
उन्होंने बताया कि आरोपी को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत विभिन्न अपराधों के लिए कुल 31 साल की सजा सुनाई गई है, लेकिन वह केवल 10 साल की सजा काटेगा, जो उसे सुनाई गई अलग-अलग सजा अवधि में सबसे अधिक है।
जोसेफ ने कहा कि यह घटना 2016 की है, जब व्यक्ति ने इडुक्की जिले के एक गांव स्थित अपने घर में कई बार अपनी बेटी (जो तब 14 साल की थी) का यौन उत्पीड़न किया था।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)