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सावधान! गरिमापूर्ण परिधान पहनकर ही मंदिर में कर सकेंगे प्रवेश, महंत रवीन्द्रपुरी ने की घोषणा

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हिमा अग्रवाल

हरिद्वार , शनिवार, 3 जून 2023 (14:17 IST)
Daksheshwar Mahadev Temple: उत्तराखंड के मंदिरों में भारतीय संस्कृति और पंरपरा को जीवित रखने के लिए के लिए युवा पीढ़ी से अपील की गई है कि वह पाश्चात्य परिधानों को पहनकर मंदिर में न आएं। हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर (Daksheshwar Mahadev Temple) प्रबंधन और अखिल भारतीय परिषद, दसनाम नागा संन्यासियों के महानिर्वाणी पंचायती अखाड़े के प्रेसीडेंट महंत रवीन्द्रपुरी (Ravindrapuri) ने घोषणा की है कि युवा वर्ग 80% कपड़ों को धारण करके मंदिर में प्रवेश पा सकेंगे।
 
महंत रवीन्द्रपुरी का कहना है कि पहनावे पर विदेशी सभ्यता की झलक युवक-युवती में दिखाई दे रही है, जो गलत है। मंदिर आत्मरंजन का स्थान है इसलिए शारीरिक दिखावा सही नहीं है। धार्मिक स्थानों पर वहां की परंपरा के अनुरूप वस्त्र धारण किए जाने चाहिए।
 
लंबे समय से मिल रही थीं शिकायतें : लंबे समय से मंदिर महंत, ब्राह्मणों और सेवकों द्वारा बहन-बेटी और बेटों द्वारा पहने गए वस्त्रों पर शिकायतें मिल रही थीं, विशेष तौर पर युवा पीढ़ी ऐसे परिधानों को पहनते हैं जिनको देखकर शर्म से सिर झुक जाता है। पाश्चात्य परिधान बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी धारण कर रहे हैं, जो उचित नहीं है।
 
सोशल मीडिया से संदेश का प्रसारण : महंत रवीन्द्र पुरी ने सोशल मीडिया व टीवी चैनलों के माध्यमों से अपना एक संदेश प्रसारित किया है कि हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर, पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में कोई भी भक्त अत्याधुनिक वस्त्रों को पहनकर मंदिर में प्रवेश नही पा सकेगा।
 
ड्रेस कोड लागू होगा : उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में जहां कहीं भी श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के मंदिर हैं, वहां भी ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। दक्षिण भारत व महाराष्ट्र स्थित मंदिरों में पहले ही ड्रेस कोड लागू किया गया है। धार्मिक भावना से ओतप्रोत लोगों को मंदिरों में मर्यादा को आहत करने वाले परिधान पहनकर नहीं आना चाहिए। आज बड़ी संख्या में युवा समाज के साथ हर उम्र के लोग शर्मनाक वस्त्र धारण कर रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति के लिए सही नहीं है।
 
हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर, कनखल : हरिद्वार दक्षेश्वर महादेव मंदिर, कनखल में एक प्राचीन शिव मंदिर है, जहां दूरदराज से लोग भोले-भंडारी के स्वरूप के दर्शन करने आते हैं। आस्थावान लोगों ने मंदिर समिति और पुजारियों से शिकायत की थी कि आधुनिक परिधान में कुछ लोग मंदिर में आते हैं जिनको देखकर आंखें शर्म से झुक जाती हैं जिसके चलते फिलहाल हरिद्वार के दक्षेश्वर महादेव मंदिर, पौड़ी गढ़वाल के नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर में छोटे-छोटे परिधान पहनकर आने वालों पर पाबंदी लगाई गई है।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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