Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रेड लाइट एरिया 'सोनागाछी' की यौनकर्मियों ने जुटाई हिम्मत...

Advertiesment
हमें फॉलो करें Red light area
, सोमवार, 14 मार्च 2016 (14:41 IST)
कोलकाता। एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में रहने वाली यौनकर्मी अब एक आयरिश महिला से प्रेरणा ले रही हैं जिसने अपने बेटे के लिए एक बेहतर भविष्य की खातिर इस दोजख की आग से निकलने के लिए हिम्मत जुटाई थी।
राचेल मोरान उस वक्त 15 साल की थीं जब नॉर्थ डबलिन शहर में उन्हें जबरदस्ती एक कोठे पर छोड़ दिया गया था लेकिन सात वर्ष बाद अपने चार साल के बेटे को एक बेहतर कल देने के लिए उन्होंने इस पेशे को छोड़ दिया। राचेल उस दौरान नशे की लत का शिकार हो गईं थीं लेकिन अब वह एक पत्रकार, लेखक और मानव-तस्करी रोधी कार्यकर्ता हैं।
webdunia
हाल के समय में इस शहर का दौरा करने के दौरान उन्होंने मुंशीगंज और सोनागाछी की यौनकर्मियों से बातचीत की। 40 वर्षीया राचेल ने कहा कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मैं अमेरिका में किसी अश्वेत महिला से बात कर रही हूं या कनाडा में वहां की मूल निवासिनी या यूरोपीय देशों में किसी श्वेत महिला से, उन सभी की समान कहानी है कि वे इस पेशे में इसलिए आईं क्योंकि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। यह सार्वभौमिक है, यहां तक कि भारत में भी। 
 
अपने आप वीमेन वर्ल्डवाइड गैर सरकारी संगठन की संस्थापिका रूचिरा गुप्ता उनके साथ थीं और उन्होंने कहा कि इस पेशे को छोड़ने के राचेल के साहस से यहां की महिलाओं को काफी प्रेरणा मिली है। वह इस बारे में और जानने को उत्सुक थीं।
 
राचेल ने बताया कि इस पेशे को छोड़ने में अपने बेटे के प्रति ममता ने उन्हें बहुत अधिक प्रेरित किया। रूचिरा ने बताया कि इस नरक से बच निकलने वाली अधिकतर यौनकर्मी उनकी बात से सहमत हैं। वे भी अपने बच्चों के लिए समान चिंता और प्यार रखती हैं। 
 
राचेल ने अपनी आत्मकथा ‘पेड फॉर, माय जर्नी थ्रू प्रोस्टीट्यूशन’ लिखी है। उनका कहना है कि वह जानती हैं कि यदि वह इस पेशे को नहीं छोड़ती तो वह अपने बेटे को खो देतीं क्योंकि वह स्कूल जाने वाले एक बच्चे के साथ अपनी दिनचर्या का सामंजस्य नहीं बिठा पातीं।
 
उन्होंने कहा कि मैं बहुत अधिक मात्रा में कोकीन लिया करती थी। मेरे लिए यह जीवन-मरण का प्रश्न था और कोई सहायता भी नहीं थी मेरे पास, लेकिन मैंने इस पेशे से बाहर आने का निर्णय किया और पत्रकारिता की पढ़ाई की और फिर नौकरी की। भारतीय कोठों में भी कई यौनकर्मी नशे और शराब की लत का शिकार हैं। रूचिरा ने कहा कि यह इस पेशे के दर्द और भावनात्मक पीड़ा से बचने का सबसे आसान तरीका है। (भाषा)
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi