Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

आतंकी खतरे के बीच ‘बम-बम भोले’ के साथ अमरनाथ यात्रा शुरू

Advertiesment
हमें फॉलो करें आतंकी खतरे के बीच ‘बम-बम भोले’ के साथ अमरनाथ यात्रा शुरू
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (18:01 IST)
जम्मू। आतंकी हमलों के खतरे के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गई। उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने 14500 की ऊंचाई पर स्थित गुफा में बनने वाले प्राकृतिक हिमलिंग के दर्शनार्थ जाने वाले 1282 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया।

खतरा कितना है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जम्मू शहर की हवाई सुरक्षा के लिए पहली बार ड्रोनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और दो मार्गों पर कम से कम एक लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं जबकि यात्रा की सकुशलता की खातिर वायुसेना की भी मदद ली जा रही है।
 
एक पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में 990 पुरुष, 225 महिलाएं, 13 बच्चे और 144 साधु हैं। सीआरपीएफ के जवान आज सुबह पांच बजे भगवती नगर बेस कैंप से 33 वाहनों में सवार श्रद्धालुओं के काफिले को लेकर निकले। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालु ‘बम-बम भोले’ का जयघोष करते हुए और भजन गाते हुए पहलगाम और बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए। वहां से शनिवार को ये लोग 3888 मीटर ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए रवाना होंगे।
 
मौसम के अनिश्चित हालात के बावजूद हर आयुवर्ग के तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है। दिल्ली की रूपा शर्मा ने कहा कि मैं पहली बार इस तीर्थयात्रा पर जा रही हूं। मैं बहुत रोमांचित हूं। हमने सुना है कि गुफा और गुफा मार्ग अभी भी बर्फ से ढके हैं। यह बहुत ही रोचक होगा। सूरत के जतिंदर सोलंकी ने कहा कि मैं पांचवी बार इस तीर्थयात्रा के लिए आया हूं। श्रद्धा और कश्मीर घाटी में शांति के कारण प्रत्येक वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
 
समुद्र के सतह से 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के लिए दो मार्ग हैं। एक मार्ग श्रीनगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर पहलगाम से है, और दूसरा श्रीनगर से 110 किलोमीटर दूर बालटाल से है। पहलगाम से गुफा का मार्ग पारम्परिक है और यह 45 किलोमीटर लम्बा है, लेकिन इन दिनों तीर्थयात्री बालटाल से जाने वाले मार्ग को वरीयता देते हैं, क्योंकि यह काफी छोटा है। अमरनाथ गुफा में पवित्र बर्फ का शिवलिंग मौजूद होता है, जो स्वाभाविक रूप से निर्मित होता है। तीर्थयात्रियों के लिए यह मुख्य आकर्षण होता है। पिछले वर्ष पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 630,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा में हिस्सा लिया था।
 
राज्य कश्मीर घाटी में आतंकी हमलों की बढ़ी हुई घटनाओं और सुरक्षा बलों पर हमलों से जूझ रहा है। ऐसे में सुरक्षा प्रतिष्ठान के सामने अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकना और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करवाना एक बड़ी चुनौती है।
 
पर्यटन राज्य मंत्री प्रिया सेठी और भाजपा के सांसद जुगल किशोर के साथ खड़े निर्मल सिंह ने कहा कि राज्य सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने लाखनपुर से अमरनाथ गुफा तक श्रद्धालुओं के लिए रहने-खाने, चिकित्सा और अन्य सुविधाओं के इंतजाम किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियों ने श्रद्धालुओं को हर तरह की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए विशेष पूछताछ केंद्र स्थापित किए हैं। यहां दी जाने वाली जानकारी में मौसम की स्थितियों से जुड़ी सूचनाओं को विशेष महत्व दिया जाएगा।
 
सुरक्षा के इंतजामों को पुख्ता करते हुए जम्मू स्थित बेस कैंप में हवाई सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए ड्रोन लगाए गए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई नई इलेक्ट्रॉनिक निरीक्षण प्रणालियों को सुरक्षा व्यवस्था में शामिल किया गया है। भगवती नगर बेस कैंप की सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ ड्रोनों का इस्तेमाल करेगी और कैंप में एक निरीक्षण केंद्र बनाया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘इसके अलावा बेस कैंप के अंदर और आसपास सुरक्षाकर्मी भी तैनात रहेंगे।’
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

कानून का सामना करें वाड्रा : भाजपा