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फ्लैट देने में देरी, यूनिटेक दे 5 करोड़ रुपए...

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 1 जुलाई 2016 (20:22 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज रीयल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी यूनिटेक लि. को राष्ट्रीय राजधानी के नोएडा क्षेत्र में उपभोक्ताओं को अपार्टमेंट देने में देरी के लिए न्यायालय की रजिस्ट्री के पास 5 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया है। यह फ्लैट उपभोक्ता को तीन साल पहले दिया जाना था।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा तथा न्यायमूर्ति सी नागप्पन की पीठ ने इसके साथ ही कंपनी को आगाह किया है कि यदि उसने 12 अगस्त तक यह राशि जमा नहीं कराई तो उसके निदेशकों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।
 
उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश यूनिटेक की राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के 12 अक्टूबर, 2015 के आदेश को चुनौती देने की अपील पर जारी किया। आयोग ने अपने आदेश में कंपनी को उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 96 की बरगंडी परियोजना में तीन फ्लैटों के आवंटन में देरी के लिए मुआवजा तथा मुकदमे का खर्च भुगतान करने को कहा था। 

आयोग ने इसके साथ ही यूनिटेक को दिवाकर मिश्रा और अन्य को ये फ्लैट 31 अक्टूबर, 2017 से पहले देने को कहा था।  शिकायतकर्ताओं ने आयोग में अपनी अपील में कहा था कि रीयल एस्टेट कंपनी को कुल सहमति वाले बिक्री मूल्य का 95  प्रतिशत भुगतान करने के बावजूद उन्हें 'फ्लैटों' का कब्जा नहीं मिला है।
 
उपभोक्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता एश्वर्या सिन्हा ने कहा कि बिल्डर फ्लैटों का आवंटन देने में विफल रहा। इन अपार्टमेंट  का कब्जा 16 अप्रैल, 2013 तक दिया जाना था। (भाषा) 

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