मुंबई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपों से मुक्त करने के लगभग एक माह बाद मंगलवार को एक स्थानीय अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।
वर्ष 2008 में मालेगांव में बम विस्फोट हुआ था जिसमें 8 लोग मारे गए थे और 100 से अधिक घायल हो गए थे। साध्वी इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। एनआईए अदालत ने आज साध्वी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसी वर्ष 13 मई को जांच एजेंसी ने पूरक आरोप पत्र दाखिल कर साध्वी और पांच अन्य के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत सभी आरोपों को साक्ष्य के अभाव में मुक्त किया था।
बम विस्फोट में जख्मी 64 वर्षीय व्यवसाई निसार बिलाल ने 17 जून 2016 को एनआईए की अदालत में न्यायाधीश एसडी टेकले के समक्ष याचिका दाखिल करते हुए साध्वी को जमानत नहीं दिए जाने की मांग की थी। हालाकि एनआईए ने जमानत देने का विरोध नहीं करते हुए कहा कि साध्वी के खिलाफ उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है। (वार्ता)