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कश्मीर में अब गणतंत्र दिवस को लेकर चेतावनी

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सुरेश डुग्गर

जम्मू। गणतंत्र दिवस को लेकर कश्मीर में जारी कशमकश के बीच आतंकी और अलगाववादी गुटों ने सरकारी कर्मचारियों तथा स्कूली बच्चों खासकर छात्राओं से कहा है कि वे गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत न करें। इसके लिए स्कूल के प्रबंधकों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई है, जबकि सुरक्षाबलों ने गणतंत्र दिवस को घटना रहित बनाने की जो कवायद छेड़ी है उसमें उन्होंने आतंकियों को भगा देने की मुहिम छेड़कर भयानक सर्दी में तलाशी अभियानों को तेज कर दिया है।
ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्‍फ्रेंस के चेयरमैन और अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने फिर गणतंत्र दिवस पर कश्मीर बंद का आह्वान किया है। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों तथा बच्चों से भी सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने को कहा। श्रीनगर में गिलानी ने कहा कि भारत एक लोकतंत्रिक देश है। 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस मनाता है, लेकिन जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो यहां के लोगों को सात दशकों से उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग न तो भारत के खिलाफ हैं और न ही वहां पर रहने वाले लोगों के। यही नहीं वे गणतंत्र दिवस के खिलाफ भी नहीं हैं। 
 
उन्होंने अपने बयान में भारत के खिलाफ काफी जहर उगला और आरोप लगाया कि वह सेना की मदद से कश्मीर में कब्जा जमाए हैं। उन्होंने सभी सरकारी कर्मचरियों के साथ ही स्कूली शिक्षकों, अभिभावकों व विद्यार्थियों से गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का पूरी तरह से बहिष्कार करने को कहा। स्कूली बच्चों को गणतंत्र दिवस समारोहों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने का आतंकी गुटों का यह कोई पहला प्रयास नहीं है। पहले भी ऐसे प्रतिबंध लगाए जाते रहे हैं और एक बार तो लश्करे तैयबा ने ऐसा प्रतिबंध घोषित कर स्कूली बच्चों के उन वाहनों पर हमले भी बोले थे जिनमें सवार होकर वे बख्शी स्टेडियम में रिहर्सल के लिए जा रहे थे।
 
नतीजतन इस बार भी सरकारी कर्मचरियों के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों की जान सांसत में इसलिए है क्योंकि गिलानी के फतवे का समर्थन करने वालों में हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मुहम्मद तथा लश्करे तैयबा भी शामिल हो गए हैं। इन अभिभावकों को अपने बच्चों की जान और भविष्य के प्रति चिंता इसलिए भी सता रही है क्‍योंकि अगर वे बच्चों को समारोहों में भिजवाते हैं तो आतंकी मार देने की धमकी दे रहे हैं और अगर नहीं भिजवाते हैं तो स्कूली प्रशासन उन्हें पढ़ाई में फेल करने की धमकी दे रहा है।
 
हालांकि गणतंत्र दिवस को लेकर आतंकवादियों और सुरक्षाबलों में जो जोर-आजमाइश कश्मीर में आरंभ हुई है उसका शिकार भी आम आदमी ही बन रहे हैं जिन्हें भयानक सर्दी के बीच सुरक्षाबलों के तलाशी अभियानों को सहना पड़ रहा है। कश्मीर का तापमान माइनस 8 डिग्री है और इसके बावजूद सुरक्षाबल रात्रि तलाशी अभियान इसलिए छेड़े हुए हैं क्योंकि वे गणतंत्र दिवस को घटना रहित बनाना चाहते हैं।
 
वैसे पिछले एक सप्ताह के भीतर सुरक्षाबल कई आतंकी ठिकानों का भंडाफोड़ कर भारी मात्रा में अन्य किस्म का गोला-बारूद तथा हथियार बरामद कर यह दावा करने की होड़ में हैं कि वे गणतंत्र दिवस पर मंडरा रहे खतरे को कम करने में कामयाब हो रहे हैं।

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