सबरीमाला। भगवान अयप्पा मंदिर में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ के बीच पुलिस ने यहां सोमवार को आंध्रप्रदेश की 2 महिला श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया गया, क्योंकि उनकी उम्र 10 से 50 साल के बीच की थी। मंदिर खुलने के बाद शनिवार को 10 महिलाओं को वापस भेजा गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने दोनों महिलाओं के परिचय पत्र की जांच की और उन्हें वापस भेज दिया, क्योंकि उनकी उम्र मंदिर में प्रवेश से 'वर्जित' आयु वर्ग के बीच की थी। मंदिर में 10 से 50 साल आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश नहीं देने की परंपरा है।
इस परंपरा का समर्थन करने वालों के पक्ष में कर्नाटक से मंदिर परिसर में 9 साल की एक बच्ची पहुंची। उसकी गरदन में एक तख्ती लटकी थी जिस पर लिखा था कि इंतजार करने के लिए तैयार हूं। मैं 50 साल की होने के बाद मंदिर आऊंगी।
त्रिशूर की रहने वाली हृदयकृष्णन ने कहा कि वे 3 बार मंदिर आ चुकी हैं लेकिन अब भगवान अयप्पा का दर्शन तभी करेंगी, जब वे 50 साल की हो जाएंगी। उनके पिता हरिकृष्णन ने कहा कि श्रद्धालु वे हैं, जो परंपराओं एवं मान्यताओं की रक्षा करते हैं।
शनिवार को मंदिर खुलने के बाद वर्जित उम्र वर्ग में होने के कारण 10 महिलाओं को वापस भेज दिया गया। वे आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से आए 30 सदस्यीय दल का हिस्सा थीं।