Sanjay Raut News : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद सांसदों के बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों को कई ऐसे देशों की यात्रा करने के लिए भेजा है जिनका भारत-पाकिस्तान मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। राउत ने दावा किया कि इस कदम के पीछे का समय और इरादा बताता है कि इसमें रणनीतिक स्पष्टता का अभाव है। राउत ने कहा, जिस तरह से इन प्रतिनिधिमंडलों को भेजा जा रहा है, वह सही नहीं है। भारत-पाकिस्तान संघर्ष से कोई भू-राजनीतिक संबंध न रखने वाले देशों को चुना जा रहा है, जो दर्शाता है कि सरकार की वास्तविकता में नहीं बल्कि दिखावे में ज़्यादा दिलचस्पी है।
उन्होंने कहा कि सरकार वास्तविकता के बजाय दिखावे में रुचि रखती है। एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत में राउत ने सवालिया अंदाज में कहा, उन देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजने की क्या ज़रूरत है जिनका भारत और पाकिस्तान के मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है? लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन जैसे देशों का चयन गंभीर सवाल खड़े करता है।
वह कल्याण से शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल का जिक्र कर रहे थे, जो बुधवार सुबह संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हुआ और उसके कुछ अफ्रीकी देशों की यात्रा करने की भी संभावना है।
राउत ने दावा किया कि इस कदम के पीछे का समय और इरादा बताता है कि इसमें रणनीतिक स्पष्टता का अभाव है। राउत ने कहा, जिस तरह से इन प्रतिनिधिमंडलों को भेजा जा रहा है, वह सही नहीं है। भारत-पाकिस्तान संघर्ष से कोई भू-राजनीतिक संबंध न रखने वाले देशों को चुना जा रहा है, जो दर्शाता है कि सरकार की वास्तविकता में नहीं बल्कि दिखावे में ज़्यादा दिलचस्पी है।
राज्यसभा सदस्य ने इस बात पर जोर दिया कि मोदी सरकार ऑपरेशन सिंदूर के बाद गंभीर कूटनीतिक भागीदारी के बजाय वैश्विक प्रभाव पैदा करने के साधन के रूप में विदेश यात्राओं का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल और चीन जैसे पड़ोसी देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए। चीन ने पाकिस्तान की मदद की, लेकिन हमें अपना प्रतिनिधिमंडल भेजना चाहिए था। हमारे प्रतिनिधिमंडल को एक और देश जाना चाहिए, वह है तुर्किए, क्योंकि उसने पाकिस्तान का समर्थन किया है। हमारी सरकार को वहां जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए।
राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता छगन भुजबल को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी कटाक्ष किया। राउत ने कहा, यह फडणवीस ही थे जिन्होंने एक बार भुजबल को राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्ट नेता घोषित किया था और ईडी के माध्यम से उनकी जेल सुनिश्चित की थी। आज नियति ने उन्हें भुजबल का अपने मंत्रिमंडल में फूलों से स्वागत करने के लिए मजबूर कर दिया।
उन्होंने कहा कि यह मौजूदा सरकार के पाखंड को दर्शाता है। राउत ने कहा, भुजबल के फिर से मंत्री बनने से हमें कोई परेशानी नहीं है। आखिरकार, उन्होंने शिवसेना में 25 साल बिताए हैं और उनका फिर से मंत्री बनना स्वागत योग्य है। लेकिन इससे फडणवीस और एकनाथ शिंदे के चेहरे बेनकाब होते हैं।
राउत ने कहा, वही फडणवीस जिन्होंने कभी भुजबल को जेल भेजा था, अब उन्हें बड़ा नेता कहने पर मजबूर हैं। या तो फडणवीस ने पहले झूठ बोला था, या फिर उन्हें भ्रष्ट मंत्रियों के साथ कोई दिक्कत नहीं है, जब तक कि वे उनके राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करते हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour