Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

सत्यपाल मलिक से CBI ने 5 घंटे तक पूछताछ की

हमें फॉलो करें सत्यपाल मलिक से CBI ने 5 घंटे तक पूछताछ की
, शुक्रवार, 28 अप्रैल 2023 (21:18 IST)
Satyapal Malik : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले की जांच के संबंध में शुक्रवार को पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की। यह घोटाला मलिक के इस बयान के बाद सामने आया था कि उन्हें इससे संबंधित फाइल को मंजूरी देने के लिए रिश्वत की पेशकश की गयी थी।
 
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई का एक दल मलिक के दावों पर उनसे सवाल-जवाब करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के आर के पुरम इलाके में उनके सोम विहार आवास पर सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट पर पहुंचा। करीब 5 घंटे तक पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि इस दौरान पिछले साल सीबीआई के पास दर्ज कराए गए मलिक के बयानों में किए गए दावों के बारे में उनसे कई सवाल किए गए।
 
सात महीने में दूसरी बार मलिक से सीबीआई ने पूछताछ की। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न राज्यों के राज्यपाल रहे मलिक इस मामले में अभी तक आरोपी या संदिग्ध नहीं हैं। बिहार, जम्मू कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल संबंधी जिम्मेदारियां निभाने के बाद पिछले साल अक्टूबर में उनका बयान दर्ज किया गया था।
 
पूछताछ के लिए सीबीआई के ताजा नोटिस के बाद मलिक ने ट्वीट किया था, 'मैंने सच बोलकर कुछ लोगों के पाप उजागर किए हैं। हो सकता है, इसलिए मुझे बुलाया गया हो। मैं किसान का बेटा हूं, मैं घबराऊंगा नहीं। मैं सच के साथ खड़ा हूं।'
 
सीबीआई ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में और जम्मू कश्मीर में कीरू जलविद्युत परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार के मलिक के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थी।
 
मलिक ने दावा किया था कि जब वह जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे, उस दौरान उन्हें दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। वह 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे।
 
एजेंसी ने जम्मू कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के लिए चिकित्सा बीमा योजना से संबंधित अपनी प्राथमिकी में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया है। कथित तौर पर योजना को 31 अगस्त, 2018 को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में मलिक द्वारा मंजूरी दी गई थी। बाद में यह योजना रद्द कर दी गई।
 
एक प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अज्ञात लोक सेवकों और अन्य व्यक्तियों के साथ साजिश और मिलीभगत से जम्मू कश्मीर सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करके आपराधिक कदाचार किया।
 
यह आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने 2017 से 2018 की अवधि के दौरान खुद को आर्थिक लाभ और राज्य के खजाने को गलत तरीके से नुकसान पहुंचाया और इस तरह, जम्मू कश्मीर की सरकार को धोखा दिया।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

गोवा में IPL सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़, 14 लोग रंगेहाथों गिरफ्तार