जयपुर। राजस्थान में कक्षा 9वीं से 12वीं तक विद्यालय 1 सितंबर से फिर खुलेंगे। शिक्षा विभाग ने इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके साथ ही विभाग ने राज्य के सभी विद्यालयों में पाठयक्रम में 30 प्रतिशत तक कटौती करने का फैसला किया है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि पिछले 3 महीनों में कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से विद्यालयों में कक्षाएं शुरू नहीं हो सकीं जिसके चलते छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है, इसी वजह से राज्य के सभी विद्यालयों में पाठयक्रम को 30 प्रतिशत कम करने का निर्णय किया गया है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विभाग ने कोरोनावायरस की आशंकित तीसरी लहर को लेकर तैयारियां की है और हमने अब हर महीने छात्रों का मूल्यांकन करने के लिए परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। जिससे भविष्य में जब जरूरत पड़े तो छात्र की बुद्धि और क्षमता के मूल्यांकन का आधार निर्धारित हो सके। उन्होंने कहा कि किसी भी कारण से 10वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षा यदि नहीं करवा पाए तो हमारे पास छात्र के मूल्यांकन के लिए ऐसी सामग्री होनी चाहिए ताकि यह निर्धारण हो सके कि उस बच्चे में कितनी क्षमता है और उसके कितने प्रतिशत तक अंक आ सकते हैं।
मंत्री ने कहा कि हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही छोटे बच्चों के लिए विद्यालय खोलने संबंधी दिशा-निर्देश जारी होंगे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से भी हम सम्पर्क में हैं। मुख्यमंत्री विशेषज्ञों और चिकित्सकों से भी बार बार चर्चा करते हैं। 9वीं से 12वीं की कक्षाएं खोलने के बाद में क्या परिस्थितियां बनती हैं उसके बाद आगे का निर्णय किया जाएगा। डोटासरा ने कहा कि शिक्षा के साथ विद्यार्थियों का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है जिसके संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है। कोरोनावायरस से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन जरूरी है एवं अध्यापकों को टीके की दोनों खुराक लगी होनी चाहिए।(भाषा)