एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च ऐंड ट्रेनिंग) हरियाणा के सर्वे में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसके मुताबिक लड़कों का भी यौन शोषण कम नहीं होता। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि लड़कियों के मामले में पुलिस जल्दी सक्रिय हो जाती है, जबकि लड़कों के मामलों में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता।
यह खुलासा हुआ है एससीईआरटी के सर्वे में। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 6 महीने के दौरान पूरे प्रदेश के 33 हजार 460 बच्चों पर किया गया। इनमें गुड़गांव के 1089 स्टूडेंट्स शामिल थे, जिनमें लड़कों की संख्या 44.9 प्रतिशत और लड़कियों की संख्या 55.1 प्रतिशत थी। प्रश्नावली को अलग-अलग स्कूलों में जाकर बच्चों से भरवाया गया।
इस सर्वे में बच्चों (लड़के एवं लड़कियां) से कुछ सवाल पूछे गए थे। इनमें क्या किसी ने कभी जबरन यौन संबंध रखने की कोशिश की?, क्या किसी ने आपको अश्लील चित्र दिखाए? क्या आपको किसी ने जबर्दस्ती गले लगाया? क्या कभी आपको किसी ने सार्वजनिक रूप से छूने की कोशिश की? जैसे सवाल शामिल थे।
एससीईआरटी ने यह सर्वे 2017-18 के सत्र में प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में कराया। इसमें छात्र और छात्राओं से अलग अलग सवाल पूछे गए थे। सर्वे में सामने आया कि लड़कियों के मुकाबले लड़के अधिक संख्या में यौन शोषण का शिकार हो रहे हैं। सर्वे में जो निष्कर्ष सामने आया उसके मुताबिक रिश्तेदार, पड़ोसी, दोस्त आदि ने बच्चों का शारीरिक शोषण किया।
इस संबंध में एससीईआरटी की डायरेक्टर ज्योति चौधरी का मानना है कि बच्चे यौन शोषण जैसे मुद्दों को लेकर जागरूक हो रहे हैं और इन पर खुलकर बात कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर बच्चे स्कूल टाइम से ही इन चीजों को लेकर अवेयर होंगे तो ऐसी चीजों को रोका जा सकता है।