देहरादून। ड्यूटी पर घायल होने के कारण प्राण गंवाने वाले उत्तराखंड पुलिस के घोड़े शक्तिमान की मूर्ति हटाए जाने से पैदा हुए विवाद पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि रिस्पना पुल चौराहे पर उसकी प्रतिमा लगाने और चौक का नामकरण शक्तिमान चौक करने का निर्णय अंतिम है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि देहरादून में शक्तिमान का स्टेच्यू लगाने और चौक का नाम बदलकर शक्तिमान चौक करने का निर्णय अन्तिम है। शक्तिमान का स्चेच्यू और बेहतर डिजाइन के साथ लगाया जाएगा।
घोड़े की मूर्ति का अनावरण न करने के निर्णय को स्वयं का निर्णय बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित समय पर यह कार्य भी किया जाएगा और उनके इस निर्णय में और निहितार्थ न ढूंढे जाएं। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को राजनीतिक दृष्टिकोण से देखना उचित नहीं है।
रावत ने कहा कि राज्य के शहीद आंदोलनकारियों की मूर्तियों के लिए भी पार्क का शीघ्र निर्माण किया जाएगा।
गौरतलब है कि गत शनिवार को रिस्पना पुल चौराहे पर स्थापित की गई शक्तिमान की प्रतिमा को रातों रात प्रशासन द्वारा हटा लिए जाने से विवाद पैदा हो गया था। माना जा रहा है कि शक्तिमान की प्रतिमा को लगाने को लकर सरकार के खिलाफ हुई तीव्र प्रतिक्रिया के चलते ही मुख्यमंत्री रावत ने पुलिस लाइंस में लगाई गई शक्तिमान की एक और प्रतिमा के अनावरण से भी इंकार कर दिया।
गत 14 मार्च को भाजपा की राजनीतिक रैली के दौरान पैर टूटने से घायल हुए शक्तिमान को लेकर प्रदेश में सियासी तूफान पैदा हो गया था। राज्य पुलिस ने इस संबंध में मसूरी से भाजपा विधायक गणेश जोशी तथा दो अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं पर मुकदमा कर उनकी गिरफ्तारी भी की थी।
घायल शक्तिमान का देश-विदेश के चिकित्सकों से उपचार कराया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका और एक माह से ज्यादा समय तक चोट से जूझने के बाद गत 20 अप्रैल को उसने दम तोड़ दिया। (भाषा)