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उरी हमले को लेकर शिवसेना ने साधा मोदी पर निशाना

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मुंबई , सोमवार, 19 सितम्बर 2016 (14:36 IST)
मुंबई। उरी में हुए आतंकी हमले के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाने पर लेते हुए सोमवार को शिवसेना ने कहा कि आज स्थिति कांग्रेस के शासन के दौरान रही स्थिति से भी खराब हो चुकी है। शिवसेना ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री पाकिस्तान पर हमला बोलने और आतंकियों का खात्मा करने में असमर्थ हैं, तो वैश्विक छवि बनाने की उनकी मशक्कत व्यर्थ साबित होगी।

 
शिवसेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों और पाकिस्तान-समर्थक तत्वों से सख्ती से निपटने के लिए राज्य की सरकार को भंग करने और राज्य में मार्शल लॉ लगाने का भी आह्वान किया।
 
शिवसेना ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने इस हमले के साथ भारत के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है और पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत जुटाने की हमारी कोशिशों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई नतीजा निकलकर सामने नहीं आया है।
 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि आपको स्वीकार करना होगा कि आज की स्थिति कांग्रेस के शासन के दौरान रही स्थिति से खराब है। एक ऐसे समय पर, जब जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जा रहे हैं और वहां पाकिस्तानी झंडे फहराए जा रहे हैं, तब केंद्र को राज्य सरकार को भंग करके वहां ‘मार्शल लॉ’ लगा देना चाहिए, क्योंकि राष्ट्रपति (राज्यपाल) शासन पर्याप्त नहीं होगा।
 
शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान ने अब भारत के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है, जबकि हम चेतावनियां देने के अलावा कुछ नहीं कर सकते। पठानकोट में किए गए आतंकी हमले की जांच का नतीजा भी पाकिस्तान के खिलाफ किसी कार्रवाई के रूप में सामने नहीं आया। 
 
शिवसेना ने कहा कि हम इस आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का सबूत क्यों ढूंढ रहे हैं? इस सबूत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई महत्व नहीं है। यदि आप में (मोदी में) पाकिस्तान पर उस तरह का हमला बोलने का साहस नहीं है, जैसा अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के खात्मे के लिए बोला था तो फिर अंतरराष्ट्रीय छवि बनाने का कोई फायदा नहीं है। 
 
संपादकीय में कहा गया कि इस मुद्दे पर बाहरी देश भारत की कोई मदद नहीं करेंगे। यदि पाकिस्तान तबाही मचाने के लिए 4 आतंकियों का इस्तेमाल कर सकता है तो भारत पाकिस्तान पर हमला बोलने के लिए अपने सुरक्षा बलों का इस्तेमाल क्यों नहीं कर सकता? 
 
शिवसेना ने कहा कि शहीद जवानों के ताबूतों पर पुष्पचक्र चढ़ाने से या बाहरी देशों की संवेदनाएं स्वीकार करने से मसला हल नहीं होगा। इसके बजाय इस समय जरूरत हमारे सुरक्षा बलों को बल दिए जाने की है। 
 
शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले आम हो गए हैं। यह किसकी विफलता है? मोदी चेतावनियां देना जारी रख सकते हैं लेकिन सवाल यह है कि पाकिस्तान को इसका परिणाम कब और कितना भुगतना होगा?
 
हथियारों से लैस आतंकियों ने रविवार को कश्मीर के उरी क्षेत्र में सेना के एक ठिकाने पर हमला कर दिया था। इस हमले में 17 जवान शहीद हो गए। ऐसा संदेह है कि आतंकी पाकिस्तान के संगठन जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े थे।
 
जम्मू-कश्मीर में सेना पर किए गए इस घातक हमले पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और प्रधानमंत्री ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। (भाषा)

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