मुंबई। आर्थिक मंदी को लेकर शिवसेना ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उसने अपने मुखपत्र 'सामना' में लिखा है कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और आर्थिक मंदी दो अलग-अलग विषय हैं। कश्मीर में तो विद्रोहियों को बंदूक के जोर पर दबाया जा सकता है लेकिन बेरोजगार सड़कों पर आएंगे तो क्या उन्हें गोली मार दोगे?
शिवसेना ने अर्थव्यवस्था के विषय में डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए दिए गए बयान का समर्थन किया है। 'सामना' के जरिए गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार पर सवाल भी उठाते कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अर्थशास्त्र और देश की अर्थनीति की अच्छी समझ है।
पत्र में कहा गया है कि डॉ. सिंह ने बेवजह मुंह नहीं खोला। मंदी के भयंकर हालात सरकार को नजर नहीं आ रहे हैं, यह बात हैरान करने वाली है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंदी के सवाल पर चुप्पी साधे रखी है तथा कहा कि महिला होने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में फर्क है तथा नोटबंदी और जीएसटी पर सवाल उठाने वालों को मूर्ख तक कहा गया।
5 फीसद की जीडीपी विकास दर को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने मोदी सरकार को घेरा था। अर्थव्यवस्था की सुस्त रफ्तार पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा था कि जून तिमाही में जीडीपी दर 5 फीसदी होना यह दर्शाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था दीर्घकालीन आर्थिक सुस्ती की गिरफ्त में है।
डॉ. सिंह ने ने कहा था कि भारत में ज्यादा तेजी से विकास करने की काफी क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन के कारण सुस्ती का दौर आ गया है और आर्थिक विकास को गति देने के लिए सरकार को सभी पक्षों से बात करनी चाहिए।