मुंबई। शिवसेना ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में विपक्षी दल भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि उसके कई सदस्य राज्य में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास अघाड़ी सरकार के संभवत: मित्र बन गए हैं। पार्टी ने सदन में अनावश्यक रूप से आक्रामकता अपनाने को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की भी आलोचना की।
नागपुर में राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है जिसमें भाजपा और मुख्य रूप से फडणवीस, ठाकरे नीत सरकार को विभिन्न मामलों पर घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा कि सरकार की मंशा और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का मन साफ है इसलिए उनके नए मित्र बनते रहेंगे। विपक्षी दल को सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि उसके भी कई सदस्य संभवत: सरकार के मित्र बन गए हैं।
पार्टी ने कहा कि विपक्ष महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उसने कहा कि केवल इसलिए 2 पक्षों को शत्रु नहीं बन जाना चाहिए कि जो विपक्ष की मेज पर थे, अब वे सरकार में हैं। यदि यह हो रहा है तो यह अच्छा नहीं है।
उसने कहा कि विधानसभा में भाजपा इस बात को लेकर अपनी असहजता दिखा रही है कि 105 विधायक होने के बावजूद वह सरकार गठित नहीं कर पाई, लेकिन इस असहजता के कारण भाजपा का जो रुख है, उसे नजरअंदाज करना ही सबसे अच्छा है।
शिवसेना ने कहा कि राज्य के लोग इस बात को लेकर एकमत हैं कि फडणवीस जो कुछ भी बोल रहे हैं, वह अनावश्यक है। शिवसेना नीत सरकार बहुमत में है और मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह साबित किया है।
पार्टी ने कहा कि फडणवीस का कहना है कि राज्य सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर रही और किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही, लेकिन क्या मोदी सरकार ने हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपए हस्तांतरित करने का वादा पूरा किया? यदि ऐसा हुआ होता तो किसान खुश होते, क्योंकि इससे उनका कर्ज उतर जाता। भाजपा सरकार लोगों को ठग रही है। उसे पहले अपने वादे पूरे करने चाहिए।