चेन्नई। लेबनान की राजधानी बेरूत में अमोनियम नाइट्रेट गोदाम में जैसा भीषण विस्फोट हुआ है, वैसा ही विस्फोट होने का अंदेशा तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में भी होने का जताया जा रहा है। यहां करीब 700 टन अमोनियम नाइट्रेट गोदाम में पड़ा हुआ है, जो कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है।
ऐसे में यह सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सरकार चेन्नई को भी बेरूत बनाना चाहती है? प्रारंभिक जांच-पड़ताल में यह बात सामने आई है कि बेरूत में अत्यधिक विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट के भंडारण में लापरवाही बरती गई जिसके चलते हादसा हुआ। चेन्नई में भी करीब 700 टन अमोनियम नाइट्रेट गोदाम में पड़ा हुआ है तथा यह कभी भी बड़े हादसे की वजह बन सकता है।
पीएमके के प्रमुख एस. रामदॉस ने दावा किया है कि 740 टन अमोनियम नाइट्रेट चेन्नई बंदरगाह पर पड़ा हुआ तथा लेबनान हादसे से सबक लेते हुए जल्द से जल्द इसके निपटान पर फैसला लिया जाए। यह चेन्नई बंदरगाह के पास एक गोदाम में भरा हुआ रखा है और यह खतरनाक साबित हो सकता है।
लेकिन दूसरी ओर अधिकारियों का कहना है कि रसायन को पूरी तरह सुरक्षित रूप से रखा गया है और उसकी नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। 2015 में एक आयातक से यह विस्फोटक जब्त किया गया था, क्योंकि इम्पोर्ट करने वाली निजी कंपनी ने इसके लिए अनुमति नहीं ली थी। जब्त अमोनियम नाइट्रेट की कीमत लगभग 1.80 करोड़ रुपए है।
उर्वरकों और विस्फोटकों में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला अमोनियम नाइट्रेट ही लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके का मुख्य कारण बना है। बेरूत बंदरगाह पर 2014 से ही 2,750 टन विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट रखा हुआ था।