सिद्धार्थनगर। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में 400 से ज्यादा गांव बाढ़ से घिरे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यहां बताया कि नदियों के उफान में हो रही कमी के बावजूद राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा नदियों तथा जम्मू और नाले के खतरे के निशान से ऊपर बहने से जिले में बाढ़ का कहर जस का तस बना हुआ है।
राप्ती नदी के जलस्तर में पिछले 24 घंटे के दौरान महज 5 सेंटीमीटर गिरावट आने के बावजूद खतरे के निशान से 90 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बूढ़ी राप्ती डेढ़ मीटर ऊपर बहने से 5 तहसीलों के 800 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जिले में 400 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ के पानी में 1 व्यक्ति की डूबकर मौत हो जाने से जिले में बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। बाढ़ की चपेट में 3 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है।
बाढ़ प्रभावित 70 हजार परिवारों में से 30 हजार परिवारों तक ही राहत समाग्री पहुंच पाई है। कई पीड़ित परिवार जहां भुखमरी के शिकार हैं वहीं बाढ़ का पानी न निकलने से पिछले 10 दिनों से लोग मकान की छत, पेड़ों और बांधों को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। बाढ़ से 3 लाख से ज्यादा आबादी और 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल प्रभावित है। बाढ़ से 40 हजार हैक्टेयर में खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में 47 बाढ़ चौकी, 11 राहत शिविर और 17 वितरण केंद्र काम कर रहे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 235 नावें, 13 मोटरबोट और पीएसी तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की टीमें राहत वितरण और पानी में घिरे लोगों को बाहर निकालने के काम में लगे हैं।
प्रभावित इलाकों में हजारों लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं और पिछले 24 घंटे के दौरान संक्रामक बीमारी से 1 व्यक्ति की मौत हो जाने की सूचना है। (वार्ता)