कोलकाता। पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित जिलों में मंगलवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही, हालांकि इन इलाकों में अब भी पुलिस बलों की भारी तैनाती है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में तनाव व्याप्त हो गया था।
राज्य में 9 जून को हुई हिंसा के संबंध में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 42 मामले दर्ज किए गए हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थिति शांतिपूर्ण बनी है और किसी अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। हमारे वरिष्ठ अधिकारी जिलों में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा प्रभावित इलाकों में सोमवार रात पुलिसकर्मियों ने छापेमारी की और गश्त लगाई। कुछ और लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
आरोपियों के खिलाफ हावड़ा, मुर्शिदाबाद, नादिया और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है, जहां हिंसा हुई थी। हावड़ा, मुर्शिदाबाद के बेल्दंगा और नादिया के बेथुंदाहरी में 15 जून तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा में सोमवार से इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं, लेकिन बेल्दंगा में 15 जून तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। राज्य के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेथुंदाहरी में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने पर फैसला वहां की स्थिति की समीक्षा के बाद किया जाएगा।
इस बीच किसी भी अप्रिय घटना और ट्रेन सेवाओं में व्यवधान से बचने के लिए राज्य के विभिन्न रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) तथा राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के जवानों को तैनात किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 2 निलंबित नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध करने के लिए यहां एस्पलेनेड इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के लिए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।(फ़ाइल चित्र)