हैदराबाद। एमबीए स्नातक से सरपंच बनीं छवि राजावत ने कहा कि देश और स्मार्ट सिटी की समग्र प्रगति के लिए गांवों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गांवों को स्मार्ट बनाए बिना स्मार्ट सिटी संभव नहीं। राजावत ने कहा कि पंचायतें धन की मंजूरी के लिए नौकरशाही पर निर्भर हैं। परिणाम देने के लिए पंचायतों को वित्तीय शक्तियां प्रदान की जानी चाहिए।
राजस्थान में सोडा गांव की सरपंच छवि राजावत ने फिक्की लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (एफएलओ) के कार्यक्रम को कल शाम संबोधित करते हुए कहा, स्मार्ट गांव के बिना स्मार्ट शहर संभव नहीं हैं। हम शहरों की आरामदायक जिंदगी में रहते हैं और अक्सर यह भूल जाते हैं कि हमारे देश में अधिकांश लोग गांवों में रहते हैं। हर कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से गांवों से प्रभावित है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण स्तर पर निर्वाचित प्रतिनिधि परिणाम देने में सक्षम नहीं है, क्योंकि उनके पास वित्तीय स्वायतता की कमी है। राजावत ने कहा, पंचायतों को उनके विवेक पर उपयोग के लिए धन दिया जाना चाहिए। वर्तमान में पंचायत धन के लिए नौकरशाही की मंजूरी पर निर्भर है।
इस अवसर पर, दलित उद्यमी कल्पना सरोज ने अपने परीक्षणों और कष्टों के बारे में बात की। रोजाना दो रुपए कमाने के लिए संघर्ष करने वालीं कल्पना वर्तमान में करोड़ों का कारोबार करने वाली कंपनी चला रही हैं। सरोज ने कहा कि सफलता का रास्ता कठिन है, लेकिन असंभव नहीं। (भाषा)