देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में 2 दिनों से बर्फबारी जारी है जिससे निचले इलाकों में बारिश होने से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। ठंड और ठिठुरन के चलते लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। केदारनाथ में बर्फबारी के चलते पुनर्निर्माण कार्य ठप हो गया है। चमोली के भारत-चीन की सीमा के सीमांत गांव नीती, बम्पा, कैलाशपुर में बर्फबारी रात से जारी है। बद्रीनाथ धाम सहित हेमकुंड और फूलों की घाटी में भी बर्फबारी हो रही है। पिथौरागढ़ जिले के सीमांत क्षेत्रों में भी बर्फबारी जारी है।
मौसम केंद्र उत्तराखंड के अनुसार अभी आगामी कुछ दिनों तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। नैनीताल में रातभर बारिश होती रही और ठंड के चलते कभी भी यहां हिमपात हो सकता है, ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है। नैनीताल घूमने आ रहे पर्यटकों को बर्फबारी का इंतजार है। पर्यटन कारोबारी भी नैनीताल में दिसंबर के पहले सप्ताह में बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर दिसंबर में बर्फबारी होगी तो साल के अंत में पर्यटकों का नैनीताल में जमावड़ा लगने से पर्यटन कारोबार बढ़ेगा।
उत्तराखंड में मौसम के करवट बदलते ही ठंड में इजाफा हो गया है। पर्वतीय क्षेत्रों खासकर 3,500 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिलों में बर्फबारी की आशंका जताई है। पिथौरागढ़ और बागेश्वर के उच्च हिमालयी इलाकों में बर्फबारी और कुमाऊं भर में बादल छाए रहने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। उच्च हिमालयी क्षेत्र हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली, दारमा, व्यास, चौंदास वैली में बुधवार शाम हिमपात हुआ।
बागेश्वर में पिंडर घाटी के जातोली, फुर्कियाल व धाकुड़ी के ऊंचाई वाले स्थानों में हल्की बर्फबारी हुई। ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के कारण चली ठंडी हवाएं लोगों को ठिठुराती रहीं। चमोली जिले की नीती घाटी में बहने वाले झरने व नदी-नाले बर्फ में तब्दील हो गए हैं। माणा घाटी में भी नाले जम गए हैं। नीती घाटी में ऋषि गंगा भी पूरी तरह से जम गई है।
मंगला कोठियाल का कहना है कि बारिश व बर्फबारी न होने से कोरी ठंड पड़ रही है। नगर क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। जोशीमठ के साथ ही पोखरी, घाट, गैरसैंण, थराली, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर, पीपलकोटी और निजमुला घाटी में भी सुबह-शाम को शीतलहर चल रही है।