लखनऊ। मुलायम सिंह यादव की ओर से बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक से पहले समाजवादी पार्टी के विरोधी धड़ों के समर्थकों के बीच सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय के बाहर झड़प हो गई। बैठक से पहले तनाव बढ़ जाने पर अखिलेश के समर्थकों और उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए उनके चाचा शिवपाल यादव के समर्थकों के बीच झड़प हो गई।
पुलिस ने नारेबाजी कर रहे समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए बलप्रयोग किया। समर्थकों ने पार्टी कार्यालय की ओर मार्च करने के लिए घेरे को तोड़ने की कोशिश की थी। बैठक शुरू होने से काफी समय पहले से ही तनाव साफ नजर आ रहा था। अखिलेश के युवा समर्थकों ने मुख्यमंत्री के समर्थन में नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश की।
अखिलेश की मौजूदगी वाली यह बैठक इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि रविवार वे अपने पिता के साथ आमने-सामने की स्थिति में आ गए थे। दोनों ने एक-दूसरे के विश्वस्तों- रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव को बर्खास्त कर दिया था।
रविवार को पहले अखिलेश ने अपने चाचा और पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख शिवपाल और अमर सिंह के समर्थक 3 अन्य मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया था। मुलायम सिंह ने भी जवाबी कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री समर्थक अपने चचेरे भाई और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल को भी 6 साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया था
उत्तरप्रदेश के इस पहले परिवार में यह संकट रविवार को उस समय चरम पर पहुंच गया था, जब अखिलेश ने मुलायम द्वारा बुलाई गई सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों और मंत्रियों की बैठक से 1 दिन पहले पार्टी के विधायकों की बैठक बुला ली थी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल राम नाइक से यह सिफारिश की कि शिवपाल, नारद राय और ओम प्रकाश सिंह (सभी कैबिनेट मंत्री) और सैयदा शादाब फातिमा (राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभार) को उनके मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। इस सिफारिश को तत्काल स्वीकार कर लिया गया था। बैठक के दौरान ही अखिलेश के सैकड़ों समर्थकों ने बाहर उनके समर्थन में नारे लगाए।
यहां यह बात महत्वपूर्ण है कि अखिलेश की ओर से शिवपाल और 3 अन्य मंत्रियों की बर्खास्तगी की घोषणा किए जाने से पहले रामगोपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम पर एक पत्र जारी किया जिसमें मुख्यमंत्री के प्रति समर्थन जाहिर किया गया था और उनका विरोध करने वालों को चेतावनी दी गई थी।
बर्खास्त होने के बाद शिवपाल ने मुलायम से उनके आवास पर मुलाकात की। मुलायम का आवास मुख्यमंत्री के बंगले के पास ही है। मुलायम से मिलने के कुछ घंटे बाद ही उन्होंने यह घोषणा की कि सपा प्रमुख ने रामगोपाल को पार्टी से 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है। (भाषा)