जम्मू। कश्मीर में 15 दिनों से पूरी तरह से बंद पड़े हुए मोबाइल फोनों को सरकार इस हफ्ते के अंत में चलाएगी, पर सिर्फ इनकमिंग कॉल के साथ। राज्य में 1.25 करोड़ मोबाइलों में से लगभग 70 लाख मोबाइल फोन अभी बंद पड़े हुए हैं। यह सिर्फ कश्मीर वादी में ही नहीं बल्कि जम्मू संभाग के मुस्लिम बहुल इलाकों में भी बंद हैं।
एक सूत्र के मुताबिक कश्मीर में लैंडलाइन के बाद मोबाइल सेवा को बहाल करने का फैसला इस हफ्ते के आखिर में होने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार घाटी के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लैंडलाइन टेलीफोन एक्सचेंज के प्रभाव का आकलन करने के बाद ही कश्मीर में मोबाइल सर्विस को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा।
सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में केवल इनकमिंग कॉल की सुविधा दी जाएगी। इससे यहां के स्थानीय लोग जम्मू-कश्मीर से बाहर अन्य राज्यों से कॉल अटेंड कर सकेंगे और आईएसडी कॉल की सुविधा भी प्राप्त कर सकेंगे जबकि मोबाइल इंटरनेट अभी कुछ समय तक बंद ही रहेगा।
उधर अफवाहों को रोकने के लिए जम्मू क्षेत्र के सभी जिलों में बंद की गईं 2जी इंटरनेट सेवाएं कब चलेंगी, फिलहाल प्रशासन ने कोई संकेत नहीं दिया है। राज्य प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि आर्टिकल 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद से वॉट्सएप के जरिए फैलाई जा रहीं अफवाहों को रोकना वर्तमान चुनौती है। वॉट्सएप के जरिए अफवाह फैलाई जा रही है कि अब कश्मीर में बाहरी लोग आकर यहां की जमीन और नौकरियों पर कब्जा कर लेंगे।
अधिकारियों ने दावा किया कि सच्चाई यह है कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित राज्य बनने के बाद लाखों सरकारी कर्मचारियों को योजनाओं के लाभ मिल सकेंगे। रही बात भूमि अधिकार की तो क्या हिमाचल पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर लिया है? नहीं न। जम्मू-कश्मीर के युवा अब दूसरे राज्यों में भी नौकरी के लिए आजाद हैं। डीजीपी दिलबाग सिंह ने दावा किया कि श्रीनगर में पत्थरबाजी की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है।
सरकार के दावेनुसार इससे पहले घाटी में रविवार को 10 और टेलीफोन एक्सचेंजों ने काम करना फिर से शुरू कर दिया, हालांकि पहले बहाल 17 एक्सचेंज में से एक पर सेवाएं रोक दी गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन को लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल दुष्प्रचार अभियान में करने की जानकारी मिलने के बाद एक एक्सचेंज पर सेवाएं फिर से रोकी गई हैं। घाटी में मौजूद 50,000 टेलीफोन फिक्स्ड लाइनों में से 28,000 को चालू कर दिया गया है।
श्रीनगर के डिप्टी कमिश्नर शाहिद इकबाल चौधरी ने शनिवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालयों के प्रमुखों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जिले में विद्यालयों को खोलने को लेकर गहन चर्चा हुई। विद्यार्थियों की सुरक्षा जिला प्रशासन की मुख्य चिंता है और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।