भोपाल। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत अब प्रदेश के प्रतिभावान विद्यार्थियों की 12वीं के बाद भी पढ़ाई की फीस सरकार भरेगी। इस योजना का लाभ माध्यमिक मंडल द्वारा करवाई जाने वाली 12वीं परीक्षा में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अथवा सीबीएसई/ आईसीएसई की 12वीं की परीक्षा में 85 प्रतिशत या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मिलेगा। विद्यार्थी के पालक की आय 6 लाख रुपए से कम होना चाहिए। विद्यार्थी का आधार नंबर भी जरूरी है।
इंजीनियरिंग-जेईई मेन्स परीक्षा में 50 हजार तक की रैंक वाले विद्यार्थियों द्वारा किसी शासकीय अथवा अशासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेने पर उसे सहायता मिलेगी। शासकीय कॉलेज की पूरी फीस (मेस शुल्क एवं कॉशन मनी छोड़कर) दी जाएगी। प्रायवेट कॉलेज की फीस में डेढ़ लाख रुपए या वास्तविक शुल्क ( शुल्क समिति द्वारा निगमित, मेस शुल्क एवं कॉशन मनी छोड़कर) जो कम हो, शासन द्वारा दी जाएगी।
मेडिकल-राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा (नीट) के माध्यम से केंद्र या राज्य के किसी भी शासकीय मेडिकल कॉलेज अथवा मध्यप्रदेश के किसी प्रायवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए प्रवेश लेने पर योजना का लाभ मिलेगा। शासकीय मेडिकल कॉलेज की पूरी फीस एवं प्रायवेट कॉलेज में देय शुल्क राज्य शासन द्वारा दिया जाएगा।
इस आशय के संबंध में तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने बताया कि शासकीय मेडिकल कॉलेज में शिक्षित डॉक्टर 2 वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करने को बाध्य होंगे। इन्हें 10 लाख रुपए का बांड भरना होगा। प्रायवेट कॉलेज के छात्रों के लिए यह अवधि 5 वर्ष तथा बांड की राशि 25 लाख रुपए होगी।
लॉ-क्लेट के माध्यम से देश के किसी भी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में बारहवीं कक्षा के बाद के कोर्स की पूरी फीस शासन देगा। राज्य शासन के सभी कॉलेज के बीएस-सी, बीए, बीकॉम, नर्सिंग, पॉलीटेक्निक तथा स्नातक स्तर के सभी पाठ्यक्रमों की पूरी फीस सरकार भरेगी। शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों की पूरी फीस संस्था के खाते में दी जाएगी। प्रायवेट संस्थाओं में विद्यार्थियों को देय शुल्क विद्यार्थी के खाते में दिया जाएगा। योजना का क्रियान्वयन संचालनालय तकनीकी शिक्षा द्वारा किया जाएगा। योजना शैक्षणिक सत्र 2017-18 से आरंभ की जायेगी। (वार्ता)