कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी जिले के मंझनपुर तहसील क्षेत्र में यमुना नदी में मछली पकड़ते समय मछुआरों के जाल में करीब एक हजार साल पुरानी पत्थर की प्राचीन मूर्ति फंसी मिली।
कौशाम्बी स्थित ऐतिहासिक जैन मंदिर के प्रबन्धक दिनेश चन्द्र जैन ने शुक्रवार को यहां बताया कि शुक्रवार शाम मंझनपुर तहसील इलाके में यमुना नदी में गुर्वुज घाट पर कुछ लोगों ने मछली पकड़ने के लिए नदी में जाल फेंका और एक पत्थर की प्राचीन मूर्ति फंस गई। मछुआरे सामान्य पत्थर समझकर घाट के किनारे छोड़ गए थे।
कल जब उन्होंने मूर्ति देखी तो वे अवाक रह गए। उन्होंने ने बताया कि शेषनाग के सात फनों पर विराजित मूर्ति जैन धर्म के 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ की है। उनके मुताबिक पार्श्वनाथ की यह मूर्ति 1000 वर्ष पुरानी है।
यमुना में मिली पार्श्वनाथ की मूर्ति 4.5 फुट उंची और तीन फुट चौड़ी है।
मूर्ति की मोटाई करीब एक फुट है और वजन लगभग पांच कुन्तल है। अनुमान लगाया जाता है कि जब बुद्ध नगरी कौशाम्बी अपने वैभव के उजड़ने के अंतिम दौर में थी। जैन ने बताया कि समृद्धशाली कौशाम्बी नगरी का अधिकांश भाग यमुना नदी की लहरों में समा गई थी। हो सकता है, उसी समय यह मूर्ति यमुना की गोद में समा गई हो। कौशाम्बी जैन धर्म का प्राचीनतम केन्द्र रहा है। (वार्ता)