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Success Story: दाल, बाटी, चूरमा बनाने वाले हाथ लंदन में करते हैं सॉफ्टवेयर अपग्रेड

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डॉ. रमेश रावत

, गुरुवार, 23 जुलाई 2020 (08:19 IST)
राजस्थान की चौमूं तहसील की गलियों में गिल्ली-डंडा, सितोलिया, क्रिकेट, कुश्ती सहित अनेक पारंपरिक खेलों के साथ अपने पिताजी का सवामणी सहित विभिन्न अवसरों पर दाल, बाटी और चूरमा बनाने में सहयोग करने वाले हाथ अब लंदन में सॉफ्टवेअर अपग्रेड करने का काम करते हैं। यह शख्स हैं नवरत्न शर्मा, जो कि वर्तमान में लंदन की एमयूएफजी कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर सेवाएं दे रहे हैं।
 
100 आदमियों की दाल-बाटी बनाने के मिलते थे 200 रुपए : नवरत्न कहते हैं कि उस समय 100 आदमियों की दाल, बाटी एवं चूरमे की रसोई बनाने में 200 रुपए मिलते थे। मेरा मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ कोई भी मेहनत का काम हो तो उसे करना चाहिए। अपने माता-पिता का भी सहयोग करना चाहिए। 
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चौमूं की सिगड़ी पर दाल-बाटी : शर्मा कहते हैं कि लंदन में सिगड़ी नहीं मिलती है। पिछले सालों में जब भारत आए तो यहां से सिगड़ी लेकर लंदन गए थे। लॉकडाउन के दौरान हमने सिगड़ी पर दाल, बाटी, चूरमा सहित अन्य खाद्य पदार्थ बनाकर राजस्थानी रसोई का खूब मजा लिया। इतना ही नहीं लंदन में अपने निवास पर ही ईंटों का चूल्हा बनाकर राजस्थानी भोजन का जायका ले रहे हैं। 
 
वर्क फ्रॉम होम : नवरत्नकहते हैं कि सुबह 9 से 5 बजे तक ऑफिस टाइम है, जिसे घर से ही करते हैं। दफ्तर घर से करीब 50 किलोमीटर दूर है। बच्चे घर से ही पढ़ाई करते हैं। पहले परिवार के साथ लंच करने का मौका कभी-कभी ही मिलता था, लेकिन अब परिजनों के साथ घर पर लंच कर रहे हैं। पिछले 13 सालों में यह पहली बार हुआ है। बच्चों के साथ खेलना-कूदना भी हो जाता है। गार्डनिंग के अलावा घर का छोटा-मोटा काम भी कर लेते हैं। 
 
ऑनलाइन हवन : परिवार सहित सब हम सुबह जूम के जरिये प्रतिदिन करीब एक घंटा ऑनलाइन व्यायाम करते है। लंदन में जो शाखा के स्वयंसेवक हैं, वे सब मिलकर रविवार को ऑनलाइन शाखा जॉइन करते हैं। गेम भी खेलते हैं एवं हिन्दी क्लासेज में भाग लेते हैं। हाल ही में दोस्त के बेटे के जन्मदिन के अवसर पर ऑनलाइन हवन में भाग लिया। पंडित ने दोस्त को सामग्री बता दी थी। मित्र ने घर पर हवन स्थान बनाकर पंडित के दिशा-निर्देशानुसार मंत्रोचार कर हवन किया। 
 
शर्मा कहते हैं कि भले ही वे विदेश में रहते हैं, लेकिन अपने शहर को वे कभी भी भुला नहीं पाते। इसके चलते वे हर साल भारत जरूर आते हैं। इस बार पत्नी अपने भाई की शादी में भारत आना चाहती थीं, लेकिन कोरोना के कारण उन्होंने यात्रा रद्द कर दी। गर्मियों में बाहर घूमने नहीं जा पा रहे हैं।

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