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लद्दाख में बादल फटने से अचानक आई बाढ़, किसी के हताहत होने की सूचना नहीं

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श्रीनगर , शनिवार, 22 जुलाई 2023 (23:56 IST)
Floods in Ladakh : केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे मलबा बहकर मुख्य बाजार क्षेत्र में आ गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इसमें जानमाल को नुकसान पहुंचने की कोई सूचना नहीं है। लेह शहर में, खासतौर से खाकशाल, सांकेर, स्कम्पारी, छुबी, जांगस्टी और गोनपा सोमा के मुख्य बाजार इलाकों में बचाव और पुनर्वास कार्य अभियान जारी है।
 
अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार देर रात केंद्र शासित प्रदेश के गैंगल्स क्षेत्र में बादल फटने की घटना में लेह शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए। उन्होंने बताया कि मलबा निचले इलाकों में कई इमारतों में घुस गया, जिससे उन्हें कुछ नुकसान पहुंचा।
 
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि लेह शहर में, खासतौर से खाकशाल, सांकेर, स्कम्पारी, छुबी, जांगस्टी और गोनपा सोमा के मुख्य बाजार इलाकों में बचाव और पुनर्वास कार्य अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि अचानक आई बाढ़ के परिणामस्वरूप लेह में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का एक कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
 
उन्होंने बताया कि गैंगल्स इलाके में कुछ दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और चोखांग विहार इलाके में काफी मलबा आ गया। विदेशियों सहित कई पर्यटकों ने मदद का हाथ बढ़ाया और अचानक आई बाढ़ के बाद वे मुख्य बाजार क्षेत्र की सफाई करते देखे गए।
 
एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि सेना की टुकड़ियों ने लेह शहर के ऊपरी इलाकों में बाढ़ राहत अभियान चलाया और 30 आवासीय भवनों से कीचड़ और मलबा हटाने में सहायता करने के अलावा 70 फंसे हुए वाहनों को वहां से निकाला। उन्होंने कहा कि अचानक आई बाढ़ से स्किमप्री गांव के ऊपरी इलाकों, लैमडन स्कूल क्षेत्र और आसपास के स्थानों में भारी क्षति हुई है।
 
अधिकारी ने बताया कि सेना के जवानों ने नागरिकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम किया। लद्दाख बौद्ध एसोसिएशन के अध्यक्ष थुपस्तान चेव्वांग ने कहा कि बाढ़ आने के तुरंत बाद, सेना के जवान स्वेच्छा से वहां पहुंचे और नुकसान को कम करने में मदद की। उन्होंने कहा, मैं सेना को धन्यवाद देना चाहता हूं।
 
चेव्वांग ने कहा, सुबह से सैकड़ों बौद्ध धर्मावलंबियों, मुस्लिम समुदाय के लोगों और विदेशियों ने अपनी सेवाएं दी हैं, जो लद्दाख में धार्मिक सद्भाव और एकता का भी संकेत है। ये सभी लोग स्वेच्छा से स्थिति को सामान्य बनाने के कार्य में मदद करने के लिए आए हैं।
 
उन्होंने कहा कि चोगम विहार एक निचला इलाका है और इसलिए पानी और मलबा उनकी इमारतों के बैठक कक्ष जैसी जगहों पर प्रवेश कर गया, जिससे फर्नीचर आदि को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, वहां छह इंच से ज्यादा कीचड़ है।आर्थिक रूप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह भविष्य के लिए एक सबक है। केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को इस पर सोचना होगा और जल निकासी व्यवस्था को सुधारना होगा, जो जर्जर है।’
 
इस बीच, लद्दाख पुलिस ने आम जनता, नागरिक समाज और विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों से बचाव प्रयासों में पुलिस और नागरिक प्रशासन की सहायता करने का अनुरोध किया, ताकि जनजीवन और यातायात को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके। कारगिल के अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) गुलाम मोहिउद्दीन वानी ने द्रास उप-मंडल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, जिनमें यूलबू, गोशन, बैरास, हाजीपोरा, उलबारस और मुरादबाग शामिल हैं।
 
एक अधिकारी ने बताया कि वानी ने संबंधित विभागों से सतर्क रहने का आग्रह किया और अवरुद्ध सिंचाई नहरों की अस्थाई बहाली के लिए निर्देश जारी किए। अधिकारी ने कहा कि अचानक आई बाढ़ से द्रास में फसलों, सड़कों और पोलो ग्राउंड को कुछ नुकसान हुआ है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

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