चेन्नई। तमिलनाडु में तूतीकोरिन हिंसा की निंदा करने और मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी के इस्तीफे की मांग के लिए द्रमुक के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने आज बंद का आयोजन किया। तुतीकोरिन हिंसा में 13 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।
द्रमुक ने अपने सहयोगी दलों कांग्रेस, आईयूएमएल और समान विचारधारा वाली पार्टी एमडीएमके, वीसीके, भाकपा, माकपा और एमएमके के साथ निकटवर्ती पुडुचेरी सहित राज्य के कई इलाकों में प्रदर्शन किया।
सरकार के खिलाफ नारे लगाते और मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के इस्तीफे की मांग करते हुए उन्होंने एग्मोरे, सैदापेट सहित कई स्थानों पर पद्रर्शन किया गया।
चेन्नई के पूर्व मेयर और द्रमुक नेता एम सुब्रमण्यम, पार्टी की राज्यसभा सदस्य कनिमोझी, वीसीके के प्रमुख थिरुमावलवन, एमएमके नेता एम एच जवाहिरुल्ला सहित कई नेता प्रदर्शन में शामिल हुए।
प्रदर्शन के मद्देनजर शाहर में कई स्थानों पर यातायात प्रभावित हुआ। राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई थी। सरकारी अधिकारियों के अनुसार सरकारी बसों का परिचालन जारी रहा और स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए एहतियाती तौर पर कदम भी उठाए गए हैं।
तूतीकोरिन में 22 और 23 मई को व्यापक स्तर पर हुई हिंसा के बाद से ताजा हिंसा होने की कोई खबर नहीं है। सुरक्षाकर्मियों से भरी बसें भी तूतीकोरिन में कई स्थानों पर नजर आईं।
मंगलवार को स्थानीय लोगों ने प्रदूषण संबंधी चिंता के कारण वेदांत समूह के तांबे के कारखाने को बंद किए जाने की मांग करते हुए सड़कों पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था , जिसके बाद हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए थे।
इस बीच , राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वेदांता तूतीकोरिन संयंत्र को बंद करने के आदेश दे दिए हैं।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अलग-अलग (1974 और 1971के) कानूनों के तहत बिजली कांटने और कंपनी के संयंत्र को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया है। यह आदेश 23 मई 2018 को लागू किया गया था।
उन्होंने कहा कि हम यह भी बताना चाहेंगे कि संयंत्र में 27 मार्च 2018 से काम नहीं किया जा रहा है। (भाषा)