उत्तर प्रदेश में रविवार को होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) को अचानक से रद्द कर दिया गया है। आज सुबह 10 बजे यूपी के सभी जिलों में टीईटी परीक्षा शुरू हो गई थी, नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए STF अलर्ट थी। जिसके चलते व्हाट्सएप पर एक पेपर लीक होने के बाद वायरल होने की सूचना मिलते ही पुलिस एक्शन में आ गई और सुबह 5 बजे शामली जिले से पेपर के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया, उनसे पूछताछ के बाद यूपी एसटीएफ 23 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर मथुरा से व्हाटएसप पर लीक होने के बाद इसे निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। वहीं मामले में परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। वहीं यूपी के मेरठ, गाजियाबाद समेत आठ स्थानों पर एसटीएफ की टीमें ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं और अब तक 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
एसटीएफ ने इनके पास से फोटोस्टेट पेपर भी बरामद किया है। हालांकि एडीजी लॉ एंड ऑर्डर यूपी प्रशांत कुमार का कहना है कि जल्दी ही इस पूरे गैंग के सदस्य गिरफ्त में होंगे और आगामी एक माह के अंदर दोबारा से यूपी टीईटी का पेपर कराया जाएगा।
यूपी में टीईटी की परीक्षा रविवार सुबह होनी थी, लेकिन शनिवार रात करीब 11 बजे के आसपास व्हाट्सएप ग्रुप में एक पेपर वायरल हुआ है। 14 पेज के इस पेपर में 150 प्रश्न लिखे हुए हैं और और उनके सही विकल्प के ऊपर राइट का चिन्ह लगा हुआ है। यूपी एसटीएफ के पास भी इस तरह का एक वायरल पेपर पहुंचा है, जिसे देखते ही एसटीएफ एक्शन में आई और जांच बैठा दी गई।
एसटीएफ नोएडा और मेरठ ने यह पेपर अपने कब्जे में लेकर जिला मजिस्ट्रेट व लखनऊ मुख्यालय को भेजा है, ताकि परीक्षा शुरू होते ही उसका मिलान किया जा सके। कुछ ही देर में यह पता चल जाएगा कि वायरल हुआ पेपर असली है या नकली। सूत्रो के मुताबिक, इस पेपर के वायरल होने की शुरुआत मथुरा से हुई।
उसके बाद व्हाट्सएप ग्रुप पर यह पेपर नोएडा में आया और इसी तरह गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ के व्हाट्सएप ग्रुप में यह पेपर पहुंचा। मिली जानकारी के मुताबिक पेपर वायरल होने के बाद परीक्षार्थियों ने अपने ग्रुप बनाकर इस वायरल पेपर की तैयारी की थी।
यूपी टीईटी का पहली पारी में पेपर यूपी के सभी सेंटरों में शुरू हो गया। वहीं इस पेपर के लीक होने के बाद यूपी के बेसिक शिक्षामंत्री ने यूपी टीईटी की परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना मिलते ही दोनों पालियों की परीक्षा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी।
शिक्षा विभाग पुनः एक महीने के भीतर अभ्यर्थियों से बिना कोई शुल्क लिए परीक्षा कराएगा। जिसके बाद छात्रों को निराशा हाथ लगी है, पेपर देने आए छात्रों ने कहा कोरोना काल के चलते एक वर्ष पेपर नहीं हुआ, अब लंबे इंतजार के बाद पेपर हुआ जो अब निरस्त हो गया है। आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग भी छात्रों ने की है।