इटावा। उत्तरप्रदेश में इटावा के बकेवर इलाके के दो गांवों में डॉ. भीमराव अम्बेडकर और बौद्ध धर्म के प्रर्वतक गौतम बुद्ध की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने के बाद कालिख पोतने के कारण तनाव फैल गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एन. कोलान्चि ने गुरुवार को बताया कि पहली घटना रामनगर गांव में घटी, जहां संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति के एक हाथ को अराजक तत्वों ने तोड़ने के बाद उनके चेहरे पर कालिख पोत दी।
उन्होंने बताया कि दूसरी घटना ग्राम टूटा में घटी, जहां बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध की मूर्ति को कालिख से पोत दिया गया है जिससे गांव के लोगों में काफी नाराजगी है। उन्होंने बताया कि दोनों घटनाएं गुरुवार तड़के की मालूम होती हैं।
कोलान्चि ने बताया कि तनाव के चलते दोनों गांवों में पुलिस और पीएसी बल को तैनात कर दिया गया है। गुस्साए लोगों को समझाने की कोशिश की जा रही है। क्षतिग्रस्त की गई डॉ. अम्बेडकर की मूर्ति को दुरुस्त करवाना शुरू कर दिया गया है, साथ ही दोनों स्थानों पर सुरक्षा के माकूल इतंजाम भी कर दिए गए हैं। दोनों गांवों के लोग पुलिस प्रशासन की मदद कर रहे हैं। अराजक तत्वों की तलाश की जा रही है।
बसपा के भर्थना विधानसभा के प्रत्याशी राघवेन्द्र गौतम का मानना है कि चूंकि दलित और पिछड़ी जाति के लोग अम्बेडकर साहब और गौतम बुद्ध का अपना आदर्श मानते हैं इसलिए सुनियोजित ढंग से इन मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में चुनावी रंग शुरू हो जाएगा इसलिए ऐसी वारदातों के जरिए दलितों और पिछड़ों को वोट नहीं डालने के लिए डराने-धमकाने की वजह से ये वारदातें की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के वक्त भी एकारपुरा में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति को इसी तरह से तोड़ा गया था तथा उसमें भी किसी आरोपी को पकड़ा नहीं जा सका इसलिए प्रशासन से मांग की गई है कि दोनों वारदातों को संगीन अपराध की श्रेणी में रखकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। (वार्ता)