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सावधान, कश्मीर में दिखे आतंक के नए 'चेहरे'

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सुरेश डुग्गर

, शनिवार, 23 जुलाई 2016 (19:14 IST)
श्रीनगर। बुरहान वानी के मारे जाने के 14 दिन बाद हिज्बुल मुजाहिदीन ने आतंकियों का एक नया पोस्टर किया है। फिलहाल कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट बंद होने के कारण ये पोस्टर तथा जानकारी सोशल मीडिया तक नहीं पहुंची है
कश्मीर से प्रकाशित होने वाले एक स्थानीय समाचारपत्र में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह पोस्टर छोपियां जिले में नजर आए हैं। इनमें लिखा है कि दुश्मनों को चुनौती देते रहेंगे। इस पोस्टर में 11 आतंकी सेना की पोशाक पहने और एके-47 थामे नजर आ रहे हैं। इसे उसी तरह से तैयार किया गया है जिस तरह से बुरहान और उसके 10 साथियों की तस्वीर को पेश किया गया था। बुरहान की तस्वीर भी जंगल में ली गई थी। यह भारत विरोधी पोस्टर हिजबुल मुजाहिदीन के लैटर हैड पर जारी किया गया है।
 
हालांकि पोस्टर में दिखाए गए 11 चेहरों की पहचान नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है कि आतंकी संगठन बुरहान के तरीके को अपनाएगा। बुरहान आतंकी गतिविधियों को सोशल मीडिया पर लेकर आया था। वह सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो अपलोड करता और इसके जरिए युवाओं को आतंकवाद की ओर खींचता। 
 
लोगों को आतंक को समर्थन : बुरहान ने दक्षिणी कश्मीर के लगभग 100 युवकों को आतंकवाद की आग में झोंका था। साथ ही आतंकी गतिविधियों को लोगों को समर्थन भी मिला था। इस दौरान सुरक्षाबलों के आतंकियों के खिलाफ अभियान में लोग प्रदर्शन करते थे। लोग आतंकियों को भागने में मदद करते थे। इसके चलते सरकार को निर्देश जारी करने पड़े थे और एनकाउंटर की जगह के आसपास लोगों के इकट्ठे होने पर रोक लगा दी गई थी।
 
छोपियां में मिले इस पोस्टर में दिखाए गए सभी 11 चेहरे नए हैं। अभी तक इनमें से किसी की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस की ओर से इस नए पोस्टर को लेकर किसी भी तरह का कोई बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस का कहना था कि वह मामले की जांच कर रही है। पहले उसने ऐसे कोई पोस्टर मिलने से ही इंकार कर दिया था।
 
जानकारी के लिए बुरहान को पिछले दिनों सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इसके बाद से कश्मीर में तनाव है और वहां पर कर्फ्यू लगा हुआ है। इस दौरान हुए प्रदर्शनों में 51 लोगों की जानें जा चुकी हैं। सुरक्षाबलों का मानना था कि बुरहान वानी के मारे जाने के बाद आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगेगी। हालांकि कुछ सुरक्षा अधिकारी इससे अलग राय रखते हैं जिनका कहना था कि किसी भी आतंकी नेता की मौत के बाद आतंकवाद की कमर टूटने के कयास सिर्फ कयास ही बन कर रह जाते हैं।

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