तिहाड़ की सभी जेलों के करीब 15,000 बंदियों ने अपनी बैरक में एक साथ बैठकर जिस गीत को सुना और गुनगुनाया, वो था- तिनका तिनका तिहाड़। तिहाड़ के जेल नंबर एक में अलग ही रौनक थी। तिहाड़ के बंदियों ने मिलकर वो गाना गया जो अब तिहाड़ की पहचान है।
तिहाड़ जेल में ही शूट हुआ तिनका तिनका तिहाड़ 2015 में तिहाड़ जेल में ही शूट हुआ था। जेल सुधारक वर्तिका नन्दा के लिखे इस गाने को बाद में एक म्यूजिकल वीडियो में ढाला गया। लोकसभा टीवी के सहयोग से बने इस गाने का विमोचन लोक सभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने किया था। इसी साल यह गाना अपने अनूठेपन के चलते लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ। इस गाने को वर्तिका नन्दा ने ही लिखा है।
गाने की धुन को संजोए जाने और बाद में शूट का हिस्सा बने 16 में से 13 बंदी छूट चुके हैं, लेकिन गाने के तीनों प्रमुख गायक अभी जेल में ही हैं। ऋषभ, आरती और सन्नी ने इस मौके पर गाने के जरिए अपने विचारों की अभिव्यक्ति की। उनके लिए यह उत्सव का मौका था।
तिहाड़ के महानिदेशक सुधीर यादव ने इस मौके पर कहा कि तिनका तिनका जेलों में सुधार लाने में कारगर साबित होता रहा है। उन्होंने कहा कि जेलों में सृजन और साहित्य को बढ़ावा देने से स्थितियां बदलेंगी। तिहाड़ जेल और तिनका तिनका फाउंडेशन की तरफ से बंदियों को प्रोत्साहन सर्टिफिकेट भी दिए गए।
तिनका तिनका भारतीय जेलों पर अपनी तरह की पहली श्रृंखला है। 2013 में शुरू हुए इस प्रयोग के तहत तिनका तिनका तिहाड़ शीर्षक से आई किताब का विमोचन तत्कालीन गृहमंत्री ने किया और बाद में यह किताब भी लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल हुई। वर्तिका तिनका तिनका तिहाड़, तिनका तिनका आगरा, तिनका तिनका आगरा का सृजन कर चुकी हैं। इसके अलावा वे हर साल बंदियों के लिए दो विशेष अवार्ड भी देती हैं – तिनका तिनका इंडिया औऱ तिनका तिनका बंदिनी अवार्ड।