अगरतला। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा को नगरीय निकाय चुनावों में बड़ी सफलता मिली है। त्रिपुरा में आज नगर निकाय चुनावों के नतीजे घोषित किए गए हैं। इसमें भाजपा ने 222 सीटों पर हुई वोटों की गिनती के बाद 217 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि माकपा को तीन सीट, तृणमूल कांग्रेस को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ा है। राज्य की कुल नगर निकाय में 334 सीटों में से 329 पर भाजपा को जीत मिली। 112 में भाजपा पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी है।
त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को चुनावी नतीजों का ऐलान किया।
टीएमसी ने दिया बड़ा बयान : त्रिपुरा के नगर निकाय चुनावों में कई वार्ड में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को पीछे छोड़ भाजपा की मुख्य विपक्षी बनकर उभरी टीएमसी ने कहा कि निकाय चुनाव के नतीजे 2023 में होने वाले राज्य के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की संभावनाओं के संकेत हैं।
दूसरी ओर जीत से गदगद भाजपा ने कहा है कि निकाय चुनाव के नतीजों ने तृणमूल कांग्रेस के खोखलेपन का खुलासा कर दिया है जो दावा कर रही है कि उसने पूर्वोत्तर के इस राज्य में अपनी पैठ बना ली है। पड़ोसी राज्य में अपनी पार्टी की जीत का जश्न मनाने के लिए यहां कई भाजपा कार्यकर्ताओं को मिठाई खाते और एक-दूसरे पर गुलाल लगाते हुए देखा गया।
हालांकि टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर कहा कि यह उनकी पार्टी के लिए '20 प्रतिशत मत' हासिल करना 'असाधारण' बात है जिसकी त्रिपुरा में न के बराबर उपस्थिति थी।
उन्होंने ट्वीट किया कि 'हमने बमुश्किल 3 महीने पहले अपनी गतिविधियां शुरू कीं, इसके बावजूद हमें यह प्रतिक्रिया मिली है जबकि भाजपा ने त्रिपुरा में लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी । त्रिपुरा टीएमसी के सभी बहादुर सैनिकों को उनके अनुकरणीय साहस के लिए बधाई।'
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम बंगाल में महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने दावा किया कि त्रिपुरा में केवल दो महीने पहले पहुंची उनकी पार्टी कई सीटों पर दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल हुई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति तब है जब वहां सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिंसा की गई।
त्रिपुरा के विभिन्न नगर निकायों के आ रहे नतीजों के बीच घोष ने ट्वीट किया कि 2023 हमारा है। ये (नतीजे) वर्ष 2023 में तृणमूल कांग्रेस की जीत का आधार बनाएंगे। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस विभिन्न वर्गों का समर्थन हासिल करने में सफल रही है।
भाजपा पर हिंसा और उकसावे की मदद से जीत दर्ज कर नगरपालिका बोर्ड गठित करने का आरोप लगाते हुए टीएमसी नेता ने दावा किया कि पुलिस और त्रिपुरा राज्य निर्वाचन आयोग भी भगवा पार्टी का पक्ष ले रहा है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को उनकी कोशिशों और त्रिपुरा के लोगों का समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।
इससे पहले दिन में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि भगवा दल राज्य के निवासियों के साथ गहरे संबंध को साझा करता है। उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस त्रिपुरा में तभी जाकर खाता खोल पाएगी जब भाजपा किसी सीट से उम्मीदवार खड़ा नहीं करने का फैसला करेगी।
भाजपा नेता ने कहा कि निकाय चुनाव के नतीजे उम्मीदों के अनुरूप हैं। तृणमूल कांग्रेस का त्रिपुरा में खाता खुलने की कोई संभावना नहीं है और वह केवल शोर मचा रही है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भाजपा कार्यकर्ताओं, नेताओं और त्रिपुरा को शुभकामनाएं दीं।