जम्मू। कश्मीर में सब कुछ शांत और सामान्य होने के दावों के बीच पत्थरबाजों ने एक की जान ले ली है। कुछेक लोग पथराव से जख्मी भी हुए हैं। पत्थरबाजों की इस हरकत से पुनः यह साफ हुआ है कि कश्मीर में हजारों सैनिकों की तैनाती के बावजूद अभी भी उन्हीं की हुकूमत चल रही है।
अधिकारियों ने बताया कि पथराव में बीती रात दक्षिण कश्मीर में एक निर्दोष ट्रक चालक की जान चली गई है। पथराव में दो अन्य लोग भी गंभीर रुप से घायल हो गए। पुलिस ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच, बल प्रयोग कर पत्थरबाज तत्वों को खदेड़ा। सोमवार सुबह पुलिस ने अनंतनाग क्षेत्र में अचानक छापामारी कर पथराव में शामिल दो युवाओं को हिरासत में लिया है।
यही नहीं पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए छह अन्य स्थानीय लोगों को भी थाने में बुलाया है। कश्मीर में बीते 22 दिनों में शरारती तत्वों के पथराव की 220 घटनाओं में किसी स्थानीय नागरिक की मौत का यह पहला मामला है।
पत्थर से जख्मी ड्राइवर को पीटा : अनंतनाग से मिली जानकारी के अनुसार, बीती रात बिजबिहाड़ा में एक स्थानीय ट्रक चालक नूर मोहम्मद अपने ट्रक में सप्लाई लेकर निकल रहा था। रास्ते में अचानक पत्थरबाजों ने उसके ट्रक को चारों तरफ से घेरते हुए पथराव शुरू कर दिया। एक पत्थर कथित तौर पर ट्रक के कांच को तोड़ते हुए उसके सिर में लगा। उसके साथ ट्रक में सवार दो अन्य लोग भी कथित तौर पर जख्मी हुए हैं। सूत्रों ने यह भी बताया कि जख्मी ट्रक चालक को शरारती तत्वों ने पीटा भी था।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उसने बल प्रयोग कर हिंसक तत्वों को वहां से खदेड़ते हुए घायल ट्रक चालक व अन्य लोगों को वहां से निकाला। घायल ट्रक चालक को जब अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसी दौरान उसने जख्मों का ताव न सहते हुए रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया। हालांकि अन्य घायलों का वहां इलाज चल रहा है। दिवंगत ट्रक चालक जिला अनंतनाग में उरनहाल गांव का रहने वाला है। आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं और पोस्टमार्टम के बाद ट्रक चालक का शव उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों से पूछताछ : पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिस समय ट्रक चालक पर पथराव और पुलिस मौके पर पहुंची तो उस दौरान दो युवकों को पहचान लिया गया था। सोमवार को उन्हीं दो युवकों को हिरासत में लिया गया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है कि आखिरकार उनका ट्रक चालक पर पथराव करने का क्या मकसद था।
यही नहीं पुलिस ने अन्य कुछ स्थानीय लोगों को भी पूछताछ के लिए थाने बुलाया था, जिनसे ये पता चला कि ये दोनों युवक इससे पहले किसी आपराधिक घटना में शामिल नहीं रहे हैं। दरअसल, युवाओं ने समझा कि यह ट्रक सुरक्षाकर्मियों का है। इसी गलतफहमी में पत्थरबाजों ने उस पर हमला बोल दिया।
मासूम को भी नहीं बख्शा : पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारी नागरिक वाहनों पर भी पथराव कर रहे हैं। इस महीने की शुरुआत में भी पत्थरबाजों ने श्रीनगर शहर के डाउन टाउन इलाके में 11 वर्षीय एक लड़की को घायल कर दिया था, उसकी आंख में चोट लगी थी। इसी माह पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिए जाने के बाद घाटी के कारण कई तरह की पाबंदियां लागू हैं।
राज्य प्रशासन का दावा है कि पाबंदियों के साथ-साथ सुरक्षाबलों की मौजूदगी के कारण यहां शांति है जबकि आधिकारिक तौर पर अब माना जा रहा है कि 220 पत्थरबाजी की घटनाओं में 200 से ज्यादा लोग उस समय जख्मी हुए जब सुरक्षाबलों ने पैलेट गनों का इस्तेमाल किया।
...और यह सरकार का दावा : ऐसे में जबकि पत्थरबाजों ने कश्मीर में बीती रात एक नागरिक की जान ले ली और कई को घायल कर दिया, सरकार कश्मीर में सब कुद शांत होने और सामान्य होने का दावा करने से नहीं चूक रही। वह कह रही है कि जिंदगी पटरी पर लौट रही है। जबकि सच्चाई यह है कि इन 22 दिनों में प्रत्येक दिन दो से चार विरोध प्रदर्शनों और पत्थरबाजी की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। घायल होने वालों का गैर सरकारी आंकड़ा अब 300 को पार कर गया है।
प्रशासन के दावे के मुताबिक, कश्मीर घाटी में सुधरते हालात को देखते हुए 72 पुलिस थाना क्षेत्रों से दिन की पाबंदियों को हटा लिया है। इन इलाकों में स्कूल पहले से ही खोले जा चुके हैं। सोमवार को अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए जाते हुए दिखे। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी पहुंचे और कामकाज शुरू किया। शहर की अधिकांश दुकानें बंद थी, परंतु सड़क किनारे कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें लगाई हुई हैं और लोग वहां खरीददारी भी कर रहे हैं।
सरकारी दावों के अनुसार, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, काजीगुंड, गांदरबल, बडगाम व कंगन में भी स्थिति सामान्य है। कश्मीर में लैंडलाइन की सुविधा भी शुरू हो चुकी है।