लोकसभा के साथ यूपी चुनाव भी कराकर देख लें : अखिलेश
एक देश, एक चुनाव पर सपा प्रमुख यादव ने साधा केन्द्र सरकार पर निशाना
SP Chief Akhilesh Yadav news: केंद्र सरकार द्वारा 'एक राष्ट्र-एक चुनाव' की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए समिति गठित करने के मामले में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा की सरकार इस बार लोकसभा और यूपी विधानसभा चुनाव एक साथ कराकर भी देख ले।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर लिखा कि हर बड़े काम को करने से पहले एक प्रयोग किया जाता है। इसी के मद्देनजर हम यह सलाह दे रहे हैं कि एक देश-एक चुनाव करवाने से पहले भाजपा सरकार, इस बार लोकसभा चुनाव और देश की सबसे अधिक लोकसभा व विधानसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव एक साथ कराकर देख ले।
उन्होंने कहा कि इससे एक तरफ चुनाव आयोग की क्षमता भी सामने आ जाएगी और जनमत भी। साथ ही भाजपा को यह भी पता चल जाएगा कि जनता किस तरह पार्टी से आक्रोशित है और उसे सत्ता से हटाने के लिए कितनी उतावली है।
केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक राष्ट्र-एक चुनाव की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए एक समिति का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
दोबारा हारने की जल्दी क्यों? : अखिलेश की इस टिप्पणी के बाद कुछ लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल भी किया। सुधीर मिश्रा ने एक्स पर लिखा- आपको दोबारा 'हारने' की इतनी जल्दी क्यों है? मेरी बात आप नोट कर लेना, योगी जी से अच्छा सीएम यूपी में कभी नहीं हुआ, इसीलिए जब तक योगी जी से आपका सामना है, यूपी में कुर्सी भूल जाइए? यह हमारी नहीं यूपी की जनता की 'जुबान' समझो और बाकी का काम 'स्वामी प्रसाद' कर देंगे...
अमृता त्रिपाठी ने लिखा- एक देश एक चुनाव जितना आसान लग रहा है, उतना आसान है नहीं क्योंकि इसके पहले 1952 में उसके बाद 1957 में इसके बाद 1962 में और फिर 1967 में एक देश एक चुनाव हो चुके हैं, लेकिन जब बीच में विधानसभा भंग हो जाती है तब उसमें समस्या आती है। क्या ऐसे में एक देश एक चुनाव हो पाना संभव होगा या फिर भंग विधानसभा वाले राज्य में राष्ट्रपति शासन से काम चलाया जाएगा?
विवेक सिलास ने लिखा- शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगीजी ने कहा की हम एक देश एक चुनाव का स्वागत करते हैं। अचंभे की बात है, उनको तो तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे कर एक मिसाल कायम करनी चाहिए।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala