तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने रविवार को कहा कि एसएलबीसी परियोजना की आंशिक रूप से ध्वस्त सुरंग में अभी तक उस स्थल की सटीक जानकारी नहीं है जहां 8 लोग फंसे हुए हैं, हालांकि सरकार बचाव अभियान में तेजी लाने के प्रयास कर रही है।
नागरकुरनूल जिले में दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि क्षतिग्रस्त कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के बाद बचाव अभियान में तेजी आएगी। गाद निकालने में मददगार कन्वेयर बेल्ट सोमवार तक ठीक हो जाने की उम्मीद है।
रेड्डी ने कहा कि वे (बचाव कर्मी) इस बात को पूरी तरह से नहीं समझ पा रहे हैं कि लोग और मशीनें कहां फंसे हुए हैं। उनके पास केवल प्रारंभिक अनुमान है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया है कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए, ताकि बचाव कर्मियों को किसी भी तरह के खतरे से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार फंसे लोगों को निकालने के लिए दृढ़ है और दुर्घटना के कारण पीड़ित परिवारों की सहायता करने के लिए भी तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रैट माइनर्स ने राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) द्वारा फंसे हुए लोगों के संभावित स्थान के रूप में पहचाने गए स्थानों पर खुदाई की, लेकिन इसमें किसी भी मानव की उपस्थिति का पता नहीं चला।
उन्होंने कहा कि सुरंग के अंदर भरे कीचड़ और पानी के कारण बचाव अभियान में बाधा आई है।
श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग की छत ढहने से उसके नीचे 22 फरवरी से आठ लोग (इंजीनियर और श्रमिक) फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जोर-शोर से जारी है। भाषा