नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को कहा कि वह पद्म पुरस्कारों को 'जन पद्म' में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी नागरिकों से प्रतिष्ठित सम्मान के लिए सिफारिशें और स्व-नामांकन करने को कहा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गणतंत्र दिवस, 2022 की पूर्व संध्या पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों- पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री के लिए ऑनलाइन नामांकन या अनुशंसाएं जारी हैं। नामांकन की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन या अनुशंसाएं केवल पद्म पुरस्कार पोर्टल पर ही ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी।
बयान में कहा गया कि सरकार पद्म पुरस्कारों को 'जन पद्म' के रूप में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे स्व-नामांकन सहित नामांकन या अनुशंसा करें। उन प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के लिए ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों के बीच सराहे जाने के योग्य हैं और जो नि:स्वार्थ भाव से समाज की सेवा कर रहे हैं।
बयान में कहा गया कि नामांकन, अनुशंसा में वे सभी संबंधित विवरण शामिल होने चाहिए, जो उपर्युक्त पद्म पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट किए गए हैं। इसमें एक विवरणात्मक या अनुशंसित उद्धरण (अधिकतम 800 शब्द) भी शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही अनुशंसित व्यक्ति की अपने संबंधित क्षेत्र या विषय में हासिल की गई विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों, सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।
वर्ष 1954 में शुरू किए गए इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार समाज में विभिन्न तरीके से योगदान देने वाले कई 'गुमनाम नायकों' को वर्ष 2014 से सम्मानित कर रही है। इन पुरस्कारों के जरिए विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के 'उत्कृष्ट कार्य या योगदान' को सराहा जाता है। ये पुरस्कार सभी क्षेत्रों, विषयों जैसे कि कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान व इंजीनियरिंग, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग, इत्यादि में विशिष्ट एवं असाधारण उपलब्धियों व सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं।(भाषा)