Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

उन्नाव मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हत्या का दोषी करार

हमें फॉलो करें उन्नाव मामले में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हत्या का दोषी करार
, बुधवार, 4 मार्च 2020 (16:54 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की 9 अप्रैल 2018 को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बुधवार को कहा कि सेंगर का पीड़िता के पिता की हत्या करने का कोई इरादा नहीं था। न्यायाधीश ने कहा, उनकी (पीड़िता के पिता की) बेरहमी से पिटाई की गई, जिसके चलते उनकी मौत हुई। अदालत ने 2017 में दुष्कर्म करने के आरोप में 20 दिसंबर को सेंगर को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी। घटना के वक्त पीड़िता नाबालिग थी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में 55 गवाहों से जिरह की और बचाव पक्ष ने 9 गवाहों से जिरह की। अदालत ने पीड़िता के चाचा, मां, बहन और उसके पिता के एक सहकर्मी के बयान दर्ज किए। उसके पिता के सहकर्मी ने घटना का चश्मदीद होने का दावा किया था।

सीबीआई के अनुसार, 3 अप्रैल 2018 को दुष्कर्म पीड़िता के पिता और शशि प्रताप सिंह के बीच झगड़ा हुआ था। 13 जुलाई 2018 को दाखिल आरोप पत्र में कहा गया कि पीड़िता के पिता और उनके सहकर्मी अपने गांव माखी लौट रहे थे तभी उन्होंने सिंह को (अपने वाहन में) लिफ्ट देने के लिए कहा।

सिंह ने लिफ्ट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके बीच विवाद हुआ। सिंह ने अपने सहयोगियों को बुलाया। इसके बाद कुलदीप सेंगर का भाई अतुल सिंह सेंगर अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा और महिला के पिता तथा उनके सहकर्मी की पिटाई की। इसके बाद वे महिला के पिता को पुलिस थाना ले गए, जहां उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोप पत्र में कहा गया है कि इन सबके दौरान कुलदीप सेंगर जिले के पुलिस अधीक्षक और माखी पुलिस थाने के प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया के संपर्क में था। बाद में उसने उस डॉक्टर से भी बात की जिसने दुष्कर्म पीड़िता के पिता की जांच की थी।

मामले में सेंगर, उसके भाई अतुल, भदौरिया, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, कांस्टेबल आमिर खान और 6 अन्यों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। पिछले साल एक अगस्त को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मामला उत्तर प्रदेश की एक निचली अदालत से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया।

जुलाई 2019 में एक ट्रक ने उस कार को टक्कर मार दी, जिसमें पीड़िता अपने परिवार के कुछ सदस्यों तथा अपने वकील के साथ यात्रा कर रही थी। घटना में उसकी 2 रिश्तेदारों की मौत हो गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से विमान से दिल्ली स्थित एम्स लाया गया। पीड़िता को दिल्ली में ठहराया गया है और वह सीआरपीएफ की सुरक्षा में है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सेना में आत्महत्या के 305 मामले, आखिर जवान क्यों उठाते हैं यह खौफनाक कदम, सामने आया यह सच