लखनऊ। उत्तरप्रदेश सरकार ने विवाह पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है लेकिन इसके तहत किसी धार्मिक रीति-रिवाज में कोई दखलंदाजी नहीं की गई है और मुसलमानों के लिए 4 विवाह तक पंजीकरण की सुविधा दी गई है।
उत्तरप्रदेश में रहने वाले मुस्लिम अगर 1 से अधिक शादियां कर चुके हैं या करने वाले हैं तो उन्हें अपने प्रत्येक विवाह का पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण फॉर्म में मुस्लिमों के लिए 4 शादियां तक पंजीकृत कराने की सुविधा होगी लेकिन ऐसा अन्य धर्मों के लोगों के मामले में नहीं है। अन्य धर्मों के मामले में पहली पत्नी के रहते दूसरे विवाह की अनुमति नहीं है।
गौरतलब है कि बुधवार को उत्तरप्रदेश सरकार कैबिनेट ने उत्तरप्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली 2017 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के लागू होने के बाद अब सभी वर्गों को पंजीकरण कराना जरूरी होगा। मुस्लिमों को भी अपने निकाह का पंजीकरण कराना होगा।
इस पंजीकरण सुविधा की शुरुआत में अभी करीब 15 दिन का समय लग सकता है, क्योंकि प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी के बाद यह नोटिफिकेशन के लिए जाएगा। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद स्टाम्प और निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन कराएगा।
प्रदेश के महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रेणुका कुमार ने विशेष बातचीत में कहा कि सरकार का किसी धर्म के रीति-रिवाज में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। अगर मुस्लिम समाज के किसी व्यक्ति की एक से अधिक पत्नियां हैं तो उसे परेशान होने की जरूरत नहीं है।
मुस्लिम व्यक्ति जब अपना विवाह पंजीकरण कराएंगे तो उनके पास 4 विवाह तक पंजीकृत कराने का मौका होगा। उसके लिए उन्हें अलग-अलग पंजीकरण फॉर्म भरने होंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति ने 1 शादी अभी की है और 2 साल बाद दूसरी शादी करता है तो अभी अपनी पहली शादी का पंजीकरण करा ले। बाद में जब दूसरी शादी करे तो तब दूसरी शादी का पंजीकरण करा ले। लेकिन अगर अभी तक वह 1 से अधिक शादियां कर चुका है तो उसे अपनी हर शादी का पंजीकरण कराना होगा।
मुस्लिम समाज के लोगों को 4 शादियों के पंजीकरण की सुविधा होगी लेकिन हिन्दू या अन्य धर्मों के लोगों की 1 ही शादी पंजीकृत हो पाएगी। (भाषा)