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सावधान! इस गांव में रहती हैं केवल आत्‍माएं...

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उत्‍तराखंड में चंपावत जिले का एक गांव है स्वाला। यह गांव 63 साल पहले आठवीं बटालियन की पीएसी की एक गाड़ी के गिरने बाद वीरान हो गया था।
 
कभी आबादी से भरे इस गांव में आज यह आलम है कि गांव वीरान होने के साथ-साथ गांव का नाम भी बदल गया है। अब इस गांव को अब 'भूत गांव' के नाम से जाना जाता है।
 
1952 में पीएसी की एक गाड़ी के गिरने के बाद से इस गांव की तकदीर और नाम दोनों को बदल गए। चंपावत जिले से 30 किलोमीटर पहले वीरान पड़ा गांव स्‍वाला आज भुतहा हो गया है।
 
घटना स्थल पर लगा मार्बल का स्मृति पटल बताता है कि कभी यहां की पहाड़ी से सुरक्षाबल की गाड़ी गिरी थी। इस गाड़ी में पीएसी के आठ जवान थे। इन सभी की खाई में गिरने से मौत हो गई थी।
 
लोगों का कहना है कि गाड़ी गिरने के बाद जब जवान अपनी जान बचाने के लिए चीख रहे थे। उसी के पास के बसे स्वाला गांव के लोगों ने मदद की गुहार लगा रहे घायल जवानों से लूटपाट की।
 
घायल जवान पानी-पानी के लिए चीख-पुकार मचाते रहे और ग्रामीण उनके साथ लूटपाट करते रहे। मदद के अभाव में उन आठ पीएसी जवानों की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। कहते हैं आज भी जवानों की आत्‍मा गांव में भटकती है।
 
डर के चलते जहां स्वाला गांव से लोगों का पलायन हो गया है। लोग अब इसे भुतहा गांव के नाम से जानने लगे हैं। जिस जगह से पीएसी के जवानों का गाड़ी गिरी थी, वहां इन जवानों की आत्मा की शांति के लिए नव दुर्गा देवी का मंदिर स्थापित कर दिया गया था, जहां हर आने और जाने वाली गाड़ी जरूर रुकती है। (hindi.news18.com से)

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