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जोशीमठ में दहशत, भू धसाव से संकट में सैकड़ों जानें, क्या कर रही है सरकार?

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एन. पांडेय

, गुरुवार, 5 जनवरी 2023 (07:46 IST)
देहरादून। उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भू धसाव से सैकड़ों जानों पर बन आई है। प्रशासन ने 130 मकान चिह्नित किए हैं इनमें 700 से ज्यादा लोग रहते हैं। दरारें इतनी चौड़ी हो गई हैं कि देखकर ही लगता है, धरती कभी भी फट जाएगी। भूमि मांउट ब्यू होटल के आगे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरारें बढ़ने के साथ भूमि के अंदर से डरावनी आवाजें सुनाई देने से भयभीत लोग कड़कड़ाती ठंड में भी खुले आसमान के नीचे ही रहे।
 
सड़क पर लोग : जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू धसाव और पुनर्वास की मांग को लेकर बुधवार सायं जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने मशाल जुलूस निकाला। जोशीमठ में भू धसाव का दायरा बढ़ने से स्थानीय निवासियों की जान पर बन आई है। तहसील प्रशासन की जांच में अभी तक 130 मकान चिह्नित किए हैं, जिनमे रहने वालों की संख्या 700 से ज्यादा है। जेपी कालोनी में घरों में भूमिगत जल रिसाव से घरों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। जोशीमठ थाने के पास के इलाकों में दरार से खतरे को देखते हुए पांच परिवारों को नगर पालिका गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया है। एक परिवार को ब्लाक कार्यालय में भी शिफ्ट किया गया है।
 
जोशीमठ में आज विशेषज्ञों की टीम : बढ़ते भू-धसाव और बढ़ती दरारों की वजह से जोशीमठ खतरे की गंभीरता को देखते हुए सचिव आपदा रणजीत सिन्हा की अगुवाई में विशेषज्ञों की एक टीम गुरुवार को जोशीमठ के लिए रवाना होगी। यह टीम जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर हर पहलुओं की जांच करेगी। साथ ही स्थानीय लोगों से भी बातचीत कर कारणों का पता लगाएगी। 
 
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कैसी  हैं प्रशासन की तैयारी : जिलाधिकारी के चमोली हिमांशु खुराना का कहना है कि खतरे की जद में आए भवनों के सर्वे का काम चल रहा है। खतरे की जद में आए भवनों से क्षेत्रवासियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। नगर के सभी नौ वार्ड परसारी, रविग्राम, सुनील, अपर बाजार, नृसिंह मंदिर, मनोहर बाग, सिंहधार, मारवाड़ी और गांधी नगर वार्ड में किसी न किसी मकान में दरारें आ गई हैं। साथ ही दरारें लगातार चौड़ी हो रही हैं।
 
बुधवार को जेपी कंपनी के परिसर में संचालित होने वाले पोस्ट ऑफिस को जोशीमठ के मुख्य डाकघर में शिफ्ट कर दिया गया है। पानी के रिसाव होने से जेपी कंपनी के परिसर में संचालित होने वाला पोस्ट ऑफिस खतरे की जद में आ गया था। ज्योतिर्मठ परिसर भी भू-धसाव की चपेट में है। परिसर के भवनों, लक्ष्मी नारायण मंदिर के आसपास बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं।
 
क्या बोले सीएम पुष्कर धामी : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि जोशीमठ की स्थिति की वे लगातार समीक्षा कर रहे हैं। 2 दिन पहले ही उन्होंने मुख्य सचिव और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से इस मसले पर रिपोर्ट तलब की है। जल्द ही सरकार का एक दल वहां जाकर स्वयं स्थिति का जायजा लूंगा।
 
ज्योतिर्मठ के प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि मठ के प्रवेश द्वार, लक्ष्मी नारायण मंदिर और सभागार में दरारें आई हैं। इसी परिसर में टोटकाचार्य गुफा, त्रिपुर सुंदरी राजराजेश्वरी मंदिर और ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की गद्दी स्थल है।
 
शंकराचार्य की मांग : जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू धसाव और पुनर्वास की मांग को लेकर को लेकर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य सरकार से तुरंत इस दिशा में तुरंत ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है। उन्होंने नगर क्षेत्र के आस पास सभी निर्माणाधीन योजनाएं को जनहित में अविलंब रोग लगा कर प्रभावित क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भेजने को कहा।
 
ज्योतिर्मठ के मीडिया प्रभारी डॉ बृजेश सती ने बताया कि ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जोशीमठ क्षेत्र में हो रहे भू धसाव के साथ ही वहां के आवासीय और व्यावसायिक भवनों में आई दरारों पर चिंता व्यक्त की है। शंकराचार्य ने कहा है कि राज्य सरकार को इस गंभीर विषय पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि नगर क्षेत्र के आसपास जितनी भी जल विद्युत परियोजना एवं बड़े प्रोजेक्ट निर्माणाधीन हैं उन पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके अलावा घटनाक्रम की तकनीकी जांच कराई जानी आवश्यक है। इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम प्रभावित क्षेत्र में भेजने की जरूरत है।
 

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