देहरादून। उत्तराखंड में 3 दिनों से जारी सियासी बवाल अब थमता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रसिंह रावत की भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद राज्य में सियासी परिवर्तन की संभावनाओं पर लगाम लग गई है। राज्य में फिलहाल न तो कोई नेतृत्व परिवर्तन होगा और न ही मंगलवार को विधायक दल की बैठक ही बुलाई जाएगी।
इस बची 2 केंद्रीय नेताओं, भाजपा उपाध्यक्ष रमन सिंह और पार्टी महासचिव दुष्यंत सिंह गौतम ने राज्य के दौरे से वापस आने के बाद पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जहां वे राज्य के भाजपा कोर समूह के सदस्यों से बात करने गए थे।
हालांकि, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना को अधिक तवज्जो नहीं दी है, लेकिन यह स्वीकार किया कि उत्तराखंड में पार्टी के नेताओं के एक वर्ग की मुख्यमंत्री के साथ कुछ समस्याएं रही होंगी।
इस बीच प्रदेश भाजपा ने भी साफ कर दिया कि मंगलवार को उत्तराखंड में विधायक दल की किसी भी बैठक के बारे में कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि जहां तक मेरी जानकारी है उसके हिसाब से मंगलवार को पार्टी विधायक दल की किसी भी बैठक की अब तक औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।
जब उनसे यह सवाल किया गया कि जैसा कि राजनीतिक मोर्चे पर अचानक बदलते घटनाक्रम से संकेत मिल रहे हैं, उसके हिसाब से उत्तराखंड में कोई बड़ा बदलाव तो नहीं होने जा रहा है, तो उन्होंने कहा, 'देखते हैं।' (भाषा)