देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में लगातार बारिश के कारण चार दिन पहले बादल फटने और भूस्खलन से आए भारी मलबे से दो और शव बरामद होने से प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 20 हो गया, वहीं लापता बताए जा रहे करीब एक दर्जन लोगों को ढूंढने के लिए सेना, अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस की मदद से चलाया जा रहा तलाशी अभियान अब भी जारी है।
उत्तराखंड राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, 30 जून और 1 जुलाई की दरम्यानी रात आसमान से बरसी आफत से पिथौरागढ़ के सर्वाधिक प्रभावित डीडीहाट तहसील के बस्तेडी गांव से आज दो और शव बरामद हुए जिससे जिले में मरने वालों की संख्या 17 हो गई।
चमोली जिले की घाट और चमोली तहसील में भारी बारिश के साथ बहे तीन व्यक्तियों की मृत्यु को मिलाकर इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा अब तक 20 हो गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश के बीच पिथौरागढ़ और चमोली के आपदा प्रभावित इलाकों से लापता 12 व्यक्तियों को ढूंढने के लिए मलबा हटाने का काम सोमवार को भी जारी रहा।
अपर सचिव, आपदा प्रबंधन सी. रविशंकर ने बताया कि लापता लोगों की तलाश के लिए चलाया जा रहा अभियान फिलहाल जारी है और इसे जारी रखने की अवधि के बारे में फैसला जिलास्तरीय अधिकारियों द्वारा ही लिया जाएगा।
पिथौरागढ़ जिले के बस्तेडी, नौलेडा, रिगोलिया, नाचनी और चर्मा में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में छ: व्यक्ति घायल भी हुए हैं जिनका उपचार किया जा रहा है। इन सभी प्रभावित गांवों में बुरी तरह बाधित हुई विद्युत, जल आपूर्ति और संचार सेवा को बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चमोली जिले के गौली, वादुक, जाखणी, सिरजी में तेज बारिश के बाद बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाओं में जानमाल की हानि के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कें भी प्रभावित हुई हैं। दो दिन पहले बाजपुर के पास मलबा आने के कारण बंद हुआ ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अभी भी यातायात के लिए बंद है जिसे खोले जाने की कार्रवाई की जा रही है। ऋषिकेश-केदानाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच अवरुद्ध है और इसे भी खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं। (भाषा)