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भोले की नगरी में उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब

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, सोमवार, 10 जुलाई 2017 (23:09 IST)
वाराणसी। भगवान शिव की नगरी वाराणसी में सावन के पहले सोमवार को आज लाखों देशी-विदेशी शिव भक्तों ने प्राचीन  काशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों में बाबा भोले का जलाभिषेक कर पूजा एवं दर्शन किया।
     
उत्तर प्रदेश की प्राचीन धार्मिक नगरी में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में शामिल 'काशी विश्वनाथ' का लगभग दो लाख शिवभक्तों ने जलाभिषेक एवं पूजन-दर्शन किए। पांच सोमवार वाले सावन माह के प्रथम सोमवार को बाबा के दर्शन के लिए पिछले कई दिनों से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। 
 
कल रात हजारों की संख्या में कांवड़िए शिव की नगरी पहुंचकर कतारों में खड़े अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजामों के बीच भोर से ही कांवड़ियों के काशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों में जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर रात तक चलता रहा।
     
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरके भारद्वाज ने बताया कि रात आठ बजे तक एक लाख तीस हजार श्रद्धालुओं ने प्राचीन  काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन-पूजन किए तथा उसके बाद भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी था।
 
काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास कल देर रात से अपनी बारी आने के इंतजार में कतारों खड़े श्रद्धालु रिमझिम बारिश के बीच 'हर-हर महादेव', 'बंम-बंम भोले' के जयकारे लगाते रहे। धर्मनगरी में कल रात से ही चारों तरफ बाबा भोले के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। 
 
ऐतिहासिक दशाश्वमेध घाट एवं अन्य प्रमुख गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच हजारों देशी-विदेशी श्रद्धालु गंगा स्नान कर बाबा के दर्शन-पूजन करने पहुंचे। मंदिर परिसर के बाहर बैरिकेडिंग की गई है तथा पर्याप्त संख्या में स्वंसेवक एवं पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं।
      
ऐतिहासिक  काशी विश्वनाथ मंदिर एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मारकणडे देव मंदिर सहित अनेक शिवालयों में पूजा-अर्चना के लिए देर शाम तक श्रद्धालुओं की कतारें लगी हैं। काशी प्रचीन  काशी विश्वनाथ मंदिर में रात नौ बजे तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं।
     
भारद्वाज के मुताबिक, विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम शिवालयों के आसपास तथा कावड़ियों के आवागमन को दखेते हुए प्रमुख रास्तों पर विशेष निगरानी की जा रही है। जल, थल और आकाश से सुरक्षा निगरानी की व्यवस्था की गई है। शहरी इलाके में काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के तमाम रास्तों पर वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया। यह प्रतिबंध मंगलवार सुबह सात बजे तक जारी रहेगा।
     
उन्होंने बताया कि गंगा में जल पुलिस निगरानी कर रही है, जबकि प्रमुख मंदिरों के आसपास पुलिस कर्मियों के अलावा ड्रोन कैमरों की मदद ली जा रही है। मंदिरों के आसपास की ऊंची इमारतों से बड़ी संख्या में सशस्त्र पुलिस बल चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं। 
 
काशी विश्वनाथ मंदिर एवं अन्य शिवालयों तथा मुख्य मार्गों की पर सुरक्षा निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। सादे पोशाक में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी जगह-जगह तैनात किए गए हैं। वाराणसी के बाहरी इलाके एवं शहरी इलाकों में कांवड़ियों की सुविधा के लिए यातायात में व्यापक बदलाव किए गए हैं।
    
उन्होंने बताया कि श्रद्धालु नगर नियंत्रण कक्ष- 9454401645, जिला नियंत्रण कक्ष-9454417477 और यातायात नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नंबर 7839856893 पर मदद ले सकते हैं।
 
2 पौराणिक मान्यता है कि वाराणसी के कण-कण में शिव का वास है और इसी विश्वास के चलते प्रचीन  काशी विश्वनाथ मंदिर सहित यहां के तमाम शिवालयों में इस खास मौके पर प्रत्एक वर्ष देशी-विदेशी लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
      
उल्लेखनीय है कि इस बार सावन माह में पांच सोमवार एवं 21 जुलाई को सावन शिवरात्रि होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में चार-पांच लाख वृद्धि होने की संभावाना है। दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा 24, चौथा 31 और पांचवा आगामी सात अगस्त को है। (वार्ता) 

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