कानपुर। कहते हैं समय के साथ सब कुछ बदल जाता है लेकिन कानपुर का बिकरू गांव जहां लोग लंबे समय तक अपनी समस्याओं को लेकर अपराधी विकास दुबे के दरवाजे पर जा न्याय की गुहार लगाते थे और जो फैसला अपराधी विकास दुबे सुना देता था वही फैसला सर्वमान्य होता था। उसके फैसले का कोई विरोध भी नहीं करता था और विरोध करने वाले को वह माफ भी नहीं करता था, लेकिन 10 जुलाई 2020 के बाद गांव में सब कुछ बदल गया। गांव में दहशत जरूर देखने को मिल रही थी लेकिन आज पहली बार उसी जगह पर पुलिस ने चौपाल लगाई, जहां कभी अपराधी विकास दुबे चौपाल लगाता था।
पुलिस ने लगाई चौपाल : बिकरू गांव के अंदर अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद भी दहशत हर गली में दिख रही थी जिसका एहसास पुलिस को भी हो रहा था इसी दहशत को गांव से खत्म करने के लिए सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने वहीं पर चौपाल लगाई जहां कभी अपराधी विकास दुबे चौपाल लगाता था और फैसला सुनाया करता था। पुलिस के द्वारा चौपाल लगाए जाने के बाद भी लोग जब घरों से नहीं निकले तो पुलिसवालों ने घर-घर जाकर गांव के लोगों को बुलाया।मुनादी करके भीड़ जुटाई गई।
गांव के डरे-सहमे ग्रामीण राजू ने बताया कि विकास ने चार महीने से उसके थ्रेसर पर कब्जा कर रखा है।पुलिस ने पंचायत भवन में खड़े थ्रेसर के कागजात देखने के बाद फौरन किसान राजू को दिलाया। इसके बाद मौके पर मौजूद कुछ ग्रामीणों की हिम्मत बंधी तो आगे निकलकर पुलिस को उस्मान ने बताया कि उनकी जमीन पर विकास ने जबरन बाबू खां का कब्जा करा दिया था। उस्मान की जमीन जांच-पड़ताल के बाद वापस कराई गई।
इसी तरह निजामुद्दीन की 12 बिस्वा,अजीमउल्लाह की तीन बीघा जमीन पर कब्जा करने की शिकायत दर्ज कराई गई। सीओ त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि गांववालों के बीच बनी दहशत को खत्म करने के लिए चौपाल लगाई गई थी और लोगों को समझाया गया कि अगर किसी भी प्रकार की समस्या है तो पुलिस आपके लिए है, आपकी सुरक्षा के लिए है, आपको किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ मामले निस्तारित कर दिए गए लेकिन कुछ मामलों के लिए राजस्व विभाग से बातचीत करके उनका निस्तारण भी जल्द से जल्द कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर घर में जाकर हमारे द्वारा व सिपाहियों के द्वारा पुलिस विभाग के समस्त अधिकारियों के नंबर दिए गए हैं और कहा गया है किसी भी समय किसी प्रकार की समस्या के लिए आप कॉल कर सकते हैं। किसी से डरने की जरूरत नहीं है।